परिचय | |
---|---|
परिचय का पोस्टर | |
निर्देशक | गुलज़ार |
लेखक | गुलज़ार |
पटकथा | गुलज़ार |
निर्माता | वी के सोबती |
अभिनेता |
जितेन्द्र, जया भादुरी, प्राण, सुचित्रा सेन, संजीव कुमार, असरानी, ए के हंगल |
छायाकार | के वैकुण्ठ |
संगीतकार |
राहुल देव बर्मन गुलज़ार (गीत) |
प्रदर्शन तिथि |
8 अक्टूबर 1972 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
परिचय 1972 में गुलज़ार द्वारा निर्मित एक पारिवारिक कथा आधारित हिन्दी फिल्म है। यह प्रमुख अंग्रेज़ी फ़िल्म दि साऊँड ऑफ़ म्युज़िक से प्रेरित पर यथार्थ चित्रण नहीं है।
रवि (जितेन्द्र) को राय साहब (प्राण) के पोते-पोतियों को पढ़ाने उनके घर भेजा जाता है जिनमे रमा (जया भादुरी) सबसे बड़ी है। रमा के पिता नीलेश (संजीव कुमार) के मरने के बाद इन्हें अपने दादा राय साहब के साथ रहने लाया जाता है। रमा की माँ सती देवी (वीणा) के मरने के कुछ समय बाद ही नीलेश की मृत्यु होती है। इन बच्चों ने अपने नटखटपन से अब तक कई मास्टरों को भगाया है जिसके लिए उन्हें अपनी बुआ (सुचित्रा सेन) से कठिन दंड मिलता रहा है। रवि अपने सहनात्मक व्यवहार से उनका मन और रमा का प्यार जीतता है और अन्त में रवि और रमा का विवाह होता है।
सभी गीत गुलज़ार द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
गाने | |||
---|---|---|---|
क्र॰ | शीर्षक | गायन | अवधि |
1. | "बीती न बिताई रैना" | लता मंगेशकर, भूपिंदर सिंह | 3:14 |
2. | "मितवा बोले मीठे बोल" | भूपिंदर सिंह | 3:19 |
3. | "मुसाफ़िर हूं यारो" | किशोर कुमार | 3:12 |
4. | "सा रे के सा रे" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 4:42 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
---|---|---|---|
1973 | लता मंगेशकर ("बीती न बिताई रैना" गाने के लिए) | राष्ट्रीय फ़िल्म सर्वश्रेष्ट पार्श्वगायिका पुरस्कार | जीत |