परियोजना 28 भारतीय नौसेना की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत 4 स्टेल्थ पनडुब्बीरोधी (एंटी-सबमरीन) युद्धक कॉर्वेट्स बनाए जाएंगे।[1] इस परियोजना के अंतर्गत निर्मित प्रथम पोत आईएनएस कामोर्ता को 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया।[2] 7852 करोड़ रु०[3] की लागत वाली इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के नौसेना डिज़ाइन निदेशालय द्वारा किया जा रहा है तथा पोतों का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
आईएनएस कामोर्ता भारतीय नौसेना के नौसेना डिज़ाइन निदेशालय द्वारा परियोजना 28 के अंतर्गत बनाए जा रहे 4 स्टेल्थ पनडुब्बीरोधी कॉर्वेट्स में से पहला है। 90% स्वदेशी साज़ोसामान के साथ निर्मित इस पोत को 23 अगस्त 2014 को नौसेना में शामिल किया गया।[1]
आईएनएस कदमट्ट भारतीय नौसेना का एक पनडुब्बी निरोधी युद्धपोत है जिसका जलावतरण 7 2016 को किया गया। यह परियोजना 28 (प्रोजेक्ट 28, पी28) के अंतर्गत दूसरा पोत है।[4]
आइ.एन.एस किलतान (P30) भारतीय नौसेना का एक पनडुब्बी रोधी लघु युद्धपोत (कार्वेट) है जिसे परियोजना 28 के तहत बनाया गया है। यह भारतीय नौसेना द्वारा अन्तर्ग्रहण के विभिन्न चरणों में कमोर्ता श्रेणी के चार युद्धपोतों में से तीसरा है।
विशाखापत्तनम में प्रोजेक्ट 28 के तहत भारतीय नौसेना में एंटी सबमरीन वारफेयर (ASW) स्टील्थ कोरवेट 'आईएनएस कवरत्ती' को कमीशन किया गया है। यह प्रोजेक्ट 28 के तहत कोलकाता स्थित जीआरएसई द्वारा निर्मित चार एंटी सबमरीन वारफेयर कोरवेट (एएसडब्ल्यूसी) की श्रृंखला में अंतिम है। अन्य तीन आईएनएस कामोर्ता, आईएनएस कदमत और आईएनएस किलतान हैं।[5]