पाइरेथ्रिन (pyrethrins) सामान्यतः क्राइसैन्थेमम सिनेरेरीफोलियम से व्युत्पन्न कार्बनिक यौगिकों का एक वर्ग है। यह कीटों के तंत्रिका तंत्र को लक्षित करके उन्हें प्रबलता से खत्म करने की क्षमता रखता है। पाइरेथ्रिन प्राकृतिक रूप से गुलदाउदी के फूलों में पाया जाता है। इसे अक्सर एक जैविक कीटनाशक माना जाता है जब इसे पिपरोनिल ब्यूटॉक्साइड या अन्य संश्लेषित सहायक पदार्थों के साथ नहीं मिलाया जाता है।[1] इसके कीटनाशक और कीट-प्रतिकर्षि गुण को हजारों वर्षों से ज्ञात हैं और इनका उपयोग किया जाता रहा है।
पाइरेथ्रिन धीरे-धीरे कीटनाशकों के रूप में ऑर्गनोफॉस्फेट और ऑर्गनोक्लोराइड की जगह ले रहे हैं क्योंकि बाद वाले यौगिकों का मानव पर लगातार विषाक्त प्रभाव देखा गया है। ये पहली बार 1900 के दशक में बाज़ारों में दिखाई दिए और तब से लगातार मत्कुण मारने, भवनों में कीटनाशक और यहाँ तक कि जानवरों पर छिड़काव करने के लिए भी उपयोग किए जाते रहे हैं ताकि उन्हें संक्रामक बीमारियाँ न हों।[2]
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