विशेष निवासक्षेत्र | |
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बिहार,उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र,उत्तराखंड,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना | |
भाषाएँ | |
हिंदी,मराठी,पंजाबी,भोजपुरी | |
धर्म | |
हिंदू,सनातन |
पासी पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मुख्यतः निवास करते हैं। उत्तर प्रदेश में पासी जाति को अनुसूचित जाति के अंतर्गत रखा गया हैं। कुछ जगह इन्हें 'रावत' कहते है इस जाति को कुछ राज्यों में एससी श्रेणी में रखा गया हैं। भरपासी, कैथवास पासी, रावतपासी, गूजरपासी इनकी मुख्य उपजातियां है। [1][2][3] [4][5] वे उत्तर भारतीय राज्यों पंजाब, बिहार और उत्तर प्रदेश अरूणाचल प्रदेश में रहते हैं।
पासी का पारंपरिक पेशा खेती , पशु पालन, खुद का व्यवसाय करने का रहा है। [6] यह बिहार, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश में भर जाती है.
इस जाति के लोग मुख्यत: पंजाब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और बिहार में निवास करते हैं। भारत के अन्य प्रदेशों में पासी जाति को पासी, बौरासी,राजपासी, कैथवास, रावत, बहोरिया, मोठी इत्यादि नाम से जाना जाता हैं इन की भाषा हिंदी ,मराठी, भोजपुरी होती है ।[उद्धरण चाहिए]
शब्द पासी की एक व्युत्पत्ति संस्कृत के पाशिका से भी बताई जाती हैँ ।[7]
पासी समुदाय के उल्लेखनीय लोगों गंगा बक्स रावत, महाराजा बिजली पासी , महाराजा सुहेलदेव पासी ,छीता पासी ,सातन पासी,अमन राजपीयू जपला और ऊदा देवी पासी का नाम आता है।[8][9][10]