पिण्डवाड़ा पिंडरवाटक | |
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निर्देशांक: 24°47′42″N 73°03′22″E / 24.795°N 73.056°Eनिर्देशांक: 24°47′42″N 73°03′22″E / 24.795°N 73.056°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | सिरोही ज़िला |
स्थापना | 1433 ई |
नाम स्रोत | भगवान का घर |
शासन | |
• प्रणाली | राजस्थान सरकार |
• सभा | नगर पालिका |
• अध्यक्ष | सुरेंद्र मेवाडा |
• उपाध्यक्ष | चेलाराम देवासी |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 20 किमी2 (8 वर्गमील) |
ऊँचाई | 372 मी (1,220 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 24,487 |
भाषा | |
• प्रचलित | राजस्थानी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 307022 |
दूरभाष कोड | 02971 |
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोड | RJ-IN |
वाहन पंजीकरण | RJ-24, RJ-38 |
लिंगानुपात | 1000/908 ♂/♀ |
साक्षरता दर | 75.98%(2011) |
निकटतम शहर | सिरोही , उदयपुर पालनपुर |
औसत गर्मी तापमान | 37 °से. (99 °फ़ै) |
औसत सर्दी तापमान | 5 °से. (41 °फ़ै) |
औसत वर्षा | 1665 मिमी |
पिण्डवाड़ा (Pindwara) भारत के राजस्थान राज्य के सिरोही ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।[1][2]
यह शहर मुख्यतया सीमेंट एवं संगमरमर उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है। अल्ट्राटेक सीमेंट, जेके लक्ष्मी सीमेंट एवं वोलकेम इंडिया लिमिटेड शहर की बड़ी औद्योगिक इकाईयां है। शहर के कई मूलनिवासी अन्य भारतीय शहरो जैसे मुंबई सूरत बंगलुरु अहमदाबाद आँध्रप्रदेश इत्यादि जगहों पर बसे हुए है। सम्प्रति महाराज द्वारा निर्मित भगवान महावीर का मंदिर शहर के ह्रदय में स्थित है। प्राचीन शिव समर्पित गोपेश्वर महादेव मंदिर शहर से 3 किमी तथा मारकुंडेश्वर महादेव मंदिर शहर से २ किमी दूर अजारी नमक स्थान पर स्थित है। एक अन्य सरस्वती मंदिर शहर की समीप अजारी गाँव में स्थित है। पिंडवारा शहर एक नगर पालिका क्षेत्र के अधीन है जिसमे कई जनजातीय गाँव सम्मिलित है जिसमे गरासिया जनजाति के लोग निवास करते है। पिंडवारा शहर अपने संगमरमर के नक्कासीदार कार्यो के लिये प्रसिद्ध है, शहर के कई मजदूर अन्य शहरों में इन कार्यो में लगे हुए है।
पिंडवाड़ा 24.7945 डिग्री N 73.055 डिग्री E अक्षांश पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 372 मीटर (1220 फीट) है। यह शहर अरावली की गोद में बसा हुआ है तथा अरावली की ऊँची पर्वत श्रंखलाए के लिए जाना जाता है। यह उदयपुर से लगभग 100 किमी और अहमदाबाद से 240 किमी दूर है।
इस शहर के इतिहास का अध्ययन सिरोही के इतिहास से किया जाता है। यह क्षेत्र सिरोही जिले में आता है और 14 वीं शताब्दी में राव देवराज द्वारा शासन किया गया था जो राजपूताना कबीले के "चौहान कबीला" से संबंधित है। उस समय पिंडवाड़ा को पिंडारावटक के नाम से जाना जाता था। उसके बाद पिंडवाड़ा गांव 1630 तक डाबी राजपूत रहने लगे। वे एक साहसी और वीर क्षत्रिय थे। उस समय पिंडवाड़ा गांव नहीं बसा था बल्कि एक आदिवासी क्षेत्र था। फिर, सिरोही महाराव ने पिंडवाड़ा डाबी राजपूत को सिरोही में आमंत्रित किया और उन्हें विशेष अधिकारी (ओहदेदार) "खजान पद" बनाया। १६५० के बाद, पिंडवाड़ा मेवाड़ (सिसोदिया राजपूत) के अधीन हो गया, तालाब (तालाब), पिंडवाड़ा वाव (बड़ी बाव) १६७० तक राणा अमर सिंह के समय के दौरान बनाए गए थे। उसके बाद, अन्य राजपूत वंशी परिवार भी पिंडवाड़ा में रहने लगे, जिनका अपना अपना इतिहास है। कहा जाता था कि राव देवराज पृथ्वीराज तृतीय के वंशज हैं। 19वीं सदी से पहले, यह क्षेत्र जोधपुर राज्य और मीना जनजाति के युद्ध के मैदान के रूप में जाना जाता था।
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, पिंडवाड़ा की आबादी 24487 थी। पुरुषों में 52.40% आबादी और 47.60% महिलाएं हैं। पिंडवाड़ा की औसत साक्षरता दर 75.98% है, जो राज्य औसत औसत 66.11% से अधिक है। 88.86% पुरुष और 61.84% महिलाएं साक्षर हैं। 13.93% आबादी 6 साल से कम आयु के है। पिंडवाड़ा की धार्मिक आबादी 88.56% हिंदू, 7.55% मुस्लिम, 0.05% ईसाई, 0.08% सिख, 3.68% जैन और 0.03% निर्धारित नहीं है। पिंडवाडा शहर में वार्ड नंबर 19 सर्वाधिक जनसँख्या वाला जबकि वार्ड नंबर 10 सबसे कम जनसँख्या वाला वार्ड है। पिंडवाडा तहसील 261863 जनसँख्या के साथ सिरोही जिले की सर्वाधिक जनसँख्या वाली तहसील हैं जोकि 107 गाँवों पर अपना नियंत्रण रखती है।[3]
साल | आबादी |
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1991 | 15,185
|
2001 | 20,765
|
2011 | 24,487
|
Source:[4]
वार्ड सं | जनसँख्या |
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01 | 1045 |
02 | 1702 |
03 | 1626 |
04 | 1261 |
05 | 1839 |
06 | 861 |
07 | 983 |
08 | 1493 |
09 | 994 |
10 | 445 |
11 | 580 |
12 | 1075 |
13 | 1069 |
14 | 702 |
15 | 799 |
16 | 1157 |
17 | 1798 |
18 | 1256 |
19 | 2159 |
20 | 1643 |
पिंडवाड़ा स्थानीय मैदान जलवायु से प्रभावित है। साल का सबसे गर्म महीना मई है, औसत तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस है। साल में सबसे कम औसत तापमान जनवरी में होता है, जब यह लगभग 17.5 डिग्री सेल्सियस है। पिंडवाड़ा का औसत वार्षिक तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस है। 683 मिमी औसत वार्षिक वर्षा है।
Pindwara के जलवायु आँकड़ें | |||||||||||||
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माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
औसत उच्च तापमान °C (°F) | 25.5 (77.9) |
25.9 (78.6) |
36.4 (97.5) |
40.8 (105.4) |
41.1 (106) |
44.2 (111.6) |
35.0 (95) |
32.4 (90.3) |
32.9 (91.2) |
31.2 (88.2) |
30.3 (86.5) |
28.7 (83.7) |
33.7 (92.66) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | 15.1 (59.2) |
10.0 (50) |
20.2 (68.4) |
24.8 (76.6) |
26.2 (79.2) |
28.3 (82.9) |
25.2 (77.4) |
23.2 (73.8) |
24.6 (76.3) |
20.1 (68.2) |
15.9 (60.6) |
12.3 (54.1) |
20.49 (68.89) |
औसत वर्षा मिमी (इंच) | 3 (0.12) |
0 (0) |
1 (0.04) |
1 (0.04) |
5 (0.2) |
56 (2.2) |
603 (23.74) |
650 (25.59) |
307 (12.09) |
29 (1.14) |
9 (0.35) |
1 (0.04) |
1,665 (65.55) |
स्रोत: [1] |
पिंडवारा शहर एक नगरपालिका के अलावा एक उपखंड भी है जिसके कारन यहाँ कई प्रमुख राजकीय कार्यालय जैसे तहसील, पंचायत समिति, ब्लाक शिक्षा अधिकारी, उपखंड अधिकारी इत्यादि मौजूद है। गृह मत्रालय द्वारा पिंडवारा शहर को पुलिस सर्किल के रूप में विकसित किया जाना है।
बाबूलाल शिवलाल जोगातर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पिंडवारा शहर एवं क्षेत्र का मुख्य विद्यालय है जोकि स्टेट हाईवे 62 पर सुखाडिया सर्किल पर स्थित है। यह विद्यालय कक्षा प्रथम से बारहवी तक दो परिसर में संचालित होता है। इस विद्यालय की प्रमुख संकाय विज्ञान वाणिज्य एवं कला है। स्कूल स्काउट, एनसीसी और एनएसएस जैसी कई गतिविधियां चलाता है। पिंडवारा में कला वर्ग हेतु एक निजी एवं एक राजकीय महाविद्यालय स्थित है।
पिंडवारा शहर में मुख्य रूप से संगमरमर चूनापत्थर वोलेस्टोनाइट पाए जाते है जिसके आधार पर शहर में उद्योग विकसित किये गए है। पिंडवारा शहर वोलेस्टोनाइट खनिज का एशिया का एकमात्र खनिक है जिसके कारन यहाँ इसके खनन हेतु वोल्केम इंडिया लिमिटेड की स्थापना हुई। वोलेस्टोनाइट खनिज का भारत में राजस्थान का एकाधिकार है। पिंडवाड़ा शहर में 3 बड़े अथवा 150 छोटे उद्योग संचालित है। पिंडवारा शहर राजस्थान के दिल्ली मुंबई औद्योगिक गलियारे में आता है जिसके कारन यहाँ औद्योगिक विकास की अपार सम्भावनाये है। पिंडवारा शहर भारतीय रेल की पश्चिमी समर्पित मालभाड़ा गलियारे (दादरी से जवाहर लाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट मुंबई तक) का मध्यवर्ती स्टेशन है।[5]