पुंडलिक

पुंडलिक

पंढरपुर में पुंडलिक मन्दिर
जन्म अज्ञात
मृत्यु अज्ञात
खिताब/सम्मान भगवान विट्ठल के उपाख्यानों में केंद्रीय पात्र
धर्म हिन्दू
दर्शन वारकरी

पुंडलिक अथवा पुंडरीक हिंदू भगवान श्री विट्ठल के उपाख्यानों में एक केंद्रीय पात्र है। श्री विट्ठल भगवान वैष्णव देवता है जिन्हे आमतौर पर श्री हरि विष्णु एवं श्री कृष्ण का रूप माना जाता है। पुंडलिकजी को श्री विठ्ठल भगवान को पंढरपुर लाने का श्रेय दिया जाता है, जहां श्री विठ्ठल भगवान का प्रमुख मन्दिर है। पुंडलिकजी को वारकरी संप्रदाय का पौराणिक संस्थापक भी माना जाता है, जो भगवान विट्ठल की पूजा करते हैं।

पौराणिकता

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पुंडलिक को सामान्यतः एक पौराणिक व्यक्ति माना जाता है, जो कि वारकरी संप्रदाय की स्थापना और प्रचार के साथ जुड़ा हुआ है।[1] पुराणकार श्री रामकृष्ण गोपाल भांडारकर मानते हैं कि पुंडलिकजी वारकरी पंथ के संस्थापक और मराठा राज्य में इस पंथ के प्रवर्तक रहे हैं।[2]

सन्दर्भ

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  1. Sand (1990) p. 35
  2. Bhandarkar (1995) pp. 125–26

ग्रन्थसूची

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