पुलिंद भारतीय उपमहाद्वीप के मध्य भाग में स्थित विंध्य पर्वतों के क्षेत्र में बसने वाले एक प्राचीन क़बीले और जनजाति का नाम था।[1] सन् २६९ ईसापूर्व से २३१ ईसापूर्व तक सम्राट अशोक द्वारा शिलाओं पर तराशे गए आदेशों में पुलिंदों का, उनकी पुलिंदनगर नामक राजधानी का और उनके पड़ोसी क़बीलों का ज़िक्र मिला है।[2] इस से इतिहासकार यह अंदाज़ा लगते हैं कि संभवतः उनकी राजधानी भारत के आधुनिक मध्य प्रदेश राज्य के जबलपुर ज़िले के क्षेत्र में रही होगी। कुछ विद्वानों का समझना है कि वर्तमान बुंदेलखंड इलाक़े का नाम "पुलिंद" शब्द का परिवर्तित रूप है, हालांकि इस तर्क पर विवाद जारी है।
ऐतिहासिक स्रोतों में पुलिंदों का विंध्य प्रदेश के साथ साफ़ सम्बन्ध दिखता है, लेकिन उनके कबीले की शाखाएँ हिमालय क्षेत्र और असम तक फैली हुई थीं।[3] हिमालय के क्षेत्र में उन्हें कुणिंद नामक जनजाति से सम्बंधित समझा जाता था।[3] महाभारत के वनपर्व के अनुसार उस समय इस क्षेत्र में कुणिंद राजा *सुबाहु* का राज था। भारत में इन्हे भील कहा गया है [4] ।
पुलिंद जाति के विषय में सबसे प्राचीन प्रमाण सम्राट अशोक के अभिलेखों में मिलते है :
9. हिदा लाजविशवषि योनकंबोजेषु नाभकनाभपंतिषु भोजपितिनिक्येषु
10. अधपालदेषु षवता देवानंपियषा धंमानुषथि अनुवतंति यत पि दुता
— सम्राट अशोक का प्रमुख शिलालेख 13, कालसी चट्टान, दक्षिणी भाग[1]
अनुवाद : यहाँ राजा (अशोक) के क्षेत्र में, यवन और कम्बोज में, नभक और नभपांकित में, भोज और पितिनिक में, आंध्र और पुलिंद में, (साम्राज्य में) हर जगह (लोग) देवताओं-के-प्रिय (अशोक) के बताएं नैतिकता में निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
... Pulindas who are invariably associated with the Nerbudda (Reva) and the Vindhyan region ...
... in Rock Edict XIII ... we have to place them somewhere to the north or the north-east of the Andhras ... In the Vayu-Purana, the southern branch of the Pulindas has been placed side by side with the Vindhya-muliyas ... their capital is mentioned as Pulinda-nagara and their kingdom as contiguous with the Chedi country ... the Jubbulpur District ...
... The Pulindas were a hill tribe usually connected with the Vindhyan range. Partiger notices several branches of the Pulinda tribe, viz. (1) a western branch, (2) a Himalayan branch related to the Kiratas and कुणिंद, and (3) a southern branch ...