पेशावर उच्च न्यायालय پشاور عدالت عالیہ | |
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अधिकार क्षेत्र |
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स्थान | पेशावर , ख़ैबर पख़्तूनख़्वा |
निर्वाचन पद्धति | पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश व पंजाब, पाकिस्तान के राज्यपाल की सलाह पर |
प्राधिकृत | पाकिस्तान का संविधान |
निर्णय पर अपील हेतु | पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय |
न्यायाधीशको कार्यकाल | 62 वर्ष की आयु तक |
जालस्थल | [1] |
मुख्य न्यायाधीश | |
वर्तमान | न्यायमूर्ति मज़्हर आलम[1] |
कार्य प्रारम्भ | 08 अप्रैल 2014 |
पेशावर उच्च न्यायालय,(उर्दू: پشاور عدالت عالیہ; अदालत-ए आला, पेशावर) ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। यह प्रांतीय राजधानी पेशावर में स्थित है। यह सिविल और आपराधिक मामलों में प्रांत की सर्वोच्च अपीलय अदालत है, एवं ख़ैबर पख़तूनख़्वा के सारे जिला न्यायालय और सत्र न्यायालय इसके अधिकारक्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
19वीं शताब्दी के अंतिम दिनों में भारत के वायसराॅय लॉर्ड कर्जन ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत(तब पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत) को गठित करने के सुझाव को पारित किया था,[2] जिस का प्रस्ताव भारत के तत्कालीन राज्य सचिव लॉर्ड जॉर्ज हैमिल्टन ने 20 दिसंबर सन 1900 में रखा था।[2]
इस बात को अधिकारिक तौर पर 9 नवंबर 1901 (महाराज के जन्म दिन के मौके पर) को स्थापित किया गया। साथ ही इष बात की जरूरत समझी गई की इस प्रांत के लिए एक न्यायिक आयुक्त को नियुक्त किया जाए। खैबर पख्तूनख्वा विधि एवं न्याय प्रस्तावना संख्या 8 1901 के तहत महाराज्यपाल एवं परिषद ,ने भारत सरकार अधिनियम, 1854 के तहत ख़ैबर पख्तूनख्वा प्रांत में न्यायिक संस्थानों की स्थापना का आदेश दिया और इसी परियोजना के तहत इस अदालत की भी स्थापना की गई।[2]
1973 का संविधान, यह प्रावधान देता है कि पेशावर उच्च न्यायालय के दो न्यायचौकियाँ एबटाबाद और डीआई खान में स्थापित की जाएँ। संविधान का अनुच्छेद 199, उच्च न्यायालयों की न्यायिक अधिकार-सीमा को विस्तार से अंकित करता है। 1973 के संविधान में दिए गए प्रावधान परस्पर 1956 के संविधान में दिए गए प्रावधानों के बराबर ही थें, जिसे विस्तार में, 1962 के संविधान में दिया गया था।
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