पैलेस रॉयल | |
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2022 में पैलेस रॉयल | |
सामान्य विवरण | |
प्रकार | आवासीय |
स्थान | वर्ली , मुंबई, भारत |
निर्देशांक | 18°59′58″N 72°49′10″E / 18.9995°N 72.8195°Eनिर्देशांक: 18°59′58″N 72°49′10″E / 18.9995°N 72.8195°E |
निर्माणकार्य शुरू | मई 30, 2008 |
शीर्षतम शिला | 2018[1][2] |
लागत | [3] |
ऊँचाई | |
शिखर | 320 मीटर (1,050 फीट)[4] |
प्राविधिक विवरण | |
गृहमूल | 88[4] |
फर्श क्षेत्र | 310,000 मी2 (3.3×10 6 वर्ग फुट) |
लिफ्ट | 12 |
योजना एवं निर्माण | |
वास्तुकार | तलाती पंथकी एसोसिएट्स |
संरचनात्मक अभियन्ता | स्टर्लिंग इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी सर्विसेस प्रा. लि., मुंबई |
मुख्य ठेकेदार | रघुवीर अर्बन कंस्ट्रक्शन्स |
पैलेस रॉयल या पलाइस रोयाल वर्ली, मुंबई में स्थित एक आवासीय गगनचुंबी इमारत है। यह भारत की सबसे ऊंची इमारत और तीसरी सबसे ऊंची संरचना हैं। इस इमारत को 2018 में सबसे ऊँचा बनाया गया था, लेकिन इसके उपरी अनुभाग और इंटीरियर आज भी निर्माणाधीन हैं।
इसका निर्माण श्रीराम मिल्स लिमिटेड के पूर्व स्वामित्व वाली भूमि पर किया गया है। इसके निर्माण के लिए स्वीकृति 2005 में मिली थीं और निर्माण 2008 में शुरू हुआ था। कई जनहित याचिकाओं के कारण इस परियोजना की प्रगति ठप हो गई थीं जिसमें गैर सरकारी संगठनों, जनहित मंच और यूएचआरएफ आदि के मुकदमों का निपटारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अक्टूबर, 2019 में किया गया।[5] अदालत ने देखा कि मुकदमों में निरंतरता और बोनाफाइड का अभाव है। परियोजना के प्रवर्तकों ने मुकदमों को कल्पतरु बिल्डर्स के प्रतिद्वंद्वी बिल्डर मुफतराज मुनोत के निजी हितों से प्रेरित और प्रायोजित होने का तर्क दिया।[6][7]
मई 2019 में, इस जगह को बिना किसी खरीददार के नीलामी के लिए रखा गया था।[8] 2019 के मध्य में एक और नीलामी आयोजित की गई जिसमें इस अधूरी इमारत को ईमानदार शेल्टर्स नामक कंपनी द्वारा 705 करोड़ रुपये में खरीदा गया।[9] इस इमारत का निर्माण पूर्ण होने पर होने पर इसमें 120 अपार्टमेंट होंगे।[10]
Palais Royale is a 300 meter tall residential project located at the old Shree Ram Mill in the Worli area of Mumbai.