प्रकरणपादशास्त्र वसुमित्र द्वारा रचित सात सर्वास्तिवाद अभिधम्म बौद्ध ग्रंथों में से एक है। [1] इसका चीनी भाषा में अनुवाद ह्वेन त्सांग द्वारा किया गया था। एक और आंशिक चीनी अनुवाद गुणभद्र और बोधियश द्वारा किया गया था। पञ्च-वस्तु-विभास (五事毘婆沙論टी 1555) नाम से इसका भाष्य धर्मत्रात द्वारा रचित है जिसका अनुवाद भी ह्वेन त्सांग ने किया है।
'प्रकरणपाद' मध्य अभिधर्म काल का प्रमुख ग्रन्थ है। इसने अन्य सर्वास्तिवाद से भिन्न सम्प्रदायों को भी प्रभावित किया, किन्तु उतना नहीं जितना बाद के ज्ञानप्रस्थान एवं विभास ग्रन्थों ने किया।