प्रहसन कुतर्क

प्रहसन कुतर्क (लातिनी: reductio ad ridiculum, अंग्रेज़ी: appeal to ridicule) तर्कशास्त्र में ऐसे मिथ्या तर्क (ग़लत तर्क) को कहते हैं जिसमें किसी दावे को उपहासजनक तरीक़े से प्रस्तुत करके उसका मज़ाक़ बनाकर या खिल्ली उड़ाकर उसे झुठा ठहराने का ग़लत प्रयास किया जाए। अक्सर इसमें मूल दावे को अवैध अतिशयोक्ति या तथ्यों के साथ बताया जाता है ताकि उसपर आक्रमण करने में आसानी रहे।[1]

  • "अगर क्रमविकास सिद्धांत सही है और मानव बंदरों से विकसित हुए हैं तो फिर बंदर अब भी क्यों हैं? केवल मानव ही होने चाहिए। यानि क्रमविकास की धारणा ग़लत है।" - यह कुतर्क है क्योंकि क्रमविकास कहता है कि मानव कपि से उत्पन्न हुए हैं लेकिन यह नहीं कहता कि सभी कपि मानव बन गए थे। इसमें तथ्य को अवैध प्रकार से बढ़ाचढ़ाकर सिद्धांत पर ग़लत आक्रमण किया गया है।
  • "आज इस संधि की निन्दा करी जा रही है। कल मुझे पड़ोसी देश का जासूस कह कर गाली दी जाएगी।" - किसी राष्ट्रीय नेता द्वारा जारी ऐसा बयान कुतर्क होगा क्योंकि स्पष्ट है कि अभी निन्दा केवल संधि की है और उसका उत्तर देने की बजाए नेता उसे उपहासजनक अतिशयोक्ति तक खींचकर विवाद बन्द करने का प्रयास कर रहा है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Logically Fallacious: The Ultimate Collection of Over 300 Logical Fallacies, Bo Bennett, pp. 70, eBookIt.com, 2012, ISBN 9781456607371, ... Appeal to Ridicule: reductio ad ridiculum (also known as: appeal to mockery, the horse laugh) ... Presenting the argument in such a way that makes the argument look ridiculous, usually by misrepresenting the argument or the use of exaggeration ...