Farzand | |
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चित्र:Farzand Film Poster.jpg Theatrical release poster | |
Marathi | फर्जंद |
निर्देशक | दिग्पाल लांजेकर |
लेखक | दिग्पाल लांजेकर |
पटकथा | दिग्पाल लांजेकर |
कहानी | दिग्पाल लांजेकर |
निर्माता | अनिर्बन सरकार |
अभिनेता |
प्रसाद ओक अंकित मोहन चिन्मय मंडलेकर मृणाल कुलकर्णी मृन्मयी देशपांडे प्रवीण तार्डे |
छायाकार | केदार गायकवाड़ |
संपादक | प्रमोद कहार |
संगीतकार | अमितराज |
निर्माण कंपनी |
स्वामी समर्थ क्रिएशंस एलएलपी |
वितरक | आ फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
१५५ मिनट/ २ घंटे २४ मिनिट |
देश | इंडिया(भारत/हिंदुस्तान) |
भाषा | मराठी |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹१० करोड़ |
फ़र्ज़ंद २०१८ की भारतीय मराठी भाषा की योध पर फिल्म है, जो दिगपाल लांजेकर द्वारा निर्देशित और स्वामी समर्थ क्रिएशन्स एलएलपी के झंडा तले अनिर्बान सरकार द्वारा प्रोड्यूस किया है। फिल्म का निर्माण संदीप जाधव, महेश जौरकर और स्वप्निल पोतदार ने सर्व साथ मिलकर किया था। फिल्म में प्रसाद ओक, अंकित मोहन, चिन्मय मंडलेकर, मृणाल कुलकर्णी, मृण्मयी देशपांडे, नेहा जोशी और समीर धर्माधिकारी हैं। [1] मराठा साम्राज्य पर आठ फिल्मों की श्रृंखला(शिवाजी अष्टक) में यह पहली फिल्म है। इसके बाद फिल्म फत्तेशिकास्ट आई।
फ़र्ज़ंद में कोंडाजी फ़र्ज़ंद [mr] की कहानी है, जिन्होंने १६७३ में ६० योद्धाओं के साथ मिलकर सिर्फ़ साढ़े तीन घंटे में दुश्मन के २५०० सैनिकों को हराकर पन्हाला किला जीत लिया [2] यह चित्रपट 1 जून २०१८ पर रिलीज हुई थी। फिल्म को जनरली अच्छे फीडबैक मिली और इसे व्यावसायिक रूप से सफल घोषित किया गया। [3]
कहानी १६७० में शुरुआत होती है। पुणे के पास कोंडाना किले पर मुगल छावनी से कब्ज़ा करने में तानाजी मालुसरे (गणेश यादव) के हार होती है। तीन साल बाद, जब शिवाजी का राज्याभिषेक होने वाला था, तो शिवाजी महाराज ( चिन्मय मंडलेकर ) की इच्छा थी कि उनका राज्याभिषेक तभी हो, जब उनके राज्य और उनके लोगों में शांति और सुरक्षा होतो है। पन्हाला किला तब बीजापुर के आदिल शाह के अधीन था, एक क्रूर सेनापति, बेशाक खान, के अधीन था, जिसकी सेना किसानों को परेशान करती दान के लिए हैं। १६६६ मे क़िले पर कब्ज़ा करने का पिछला प्रयास, जिस पर उन्होंने १६६० में थोड़े समय के लिए क़ब्ज़ा कर रखा था, वो हारा था। किले पर दोबारा कब्ज़ा करने के लिए, एक मिशन की योजना बनाई जाती है और शिवाजी इस मिशन के लिए कोंडाजी फर्ज़ंद ( अंकित मोहन ) को जनरल सेनापति नियुक्त करते हैं। फर्ज़ंद ने २५००-मजबूत सेना के साथ कोण्डना किले पर हमले के लिए ६० सैनिकों को चुनते है। बहिरजी नायक ( प्रसाद ओक ), गुप्तचर, और मुखबिर केसर ( मृणमयी देशपांडे ) ने केवल साढ़े तीन घंटे में दुश्मन के 2500 सैनिकों को हराकर पन्हाला किला जीतने में मदद की।
मुख्य फोटोग्राफी नवंबर 2017 में शुरू हुई [4]
यह फ़िल्म 1 जून २०१८ में नाटकीय रूप से रिलीज़ हुई थी। [5]
Farzand | |||||
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Soundtrack album Amitraj द्वारा | |||||
जारी | 16 मई 2018 | ||||
रिकॉर्डिंग | 2018 | ||||
संगीत शैली | Feature film soundtrack | ||||
लंबाई | 20:12 | ||||
भाषा | Marathi | ||||
लेबल | Zee Music Company | ||||
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फिल्म के गाने अमितराज ने किए हैं और गीत दिग्पाल लांजेकर और क्षितिज पटवर्धन के साथ लिखे गए हैं।
ट्रैक लिस्ट | |||||
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क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | संगीतकार | गायक | अवधि |
1. | "आई आंबे जगदंबे" | दिग्पाल लांजेकर | अमितराज | आदर्श शिंदे | 4:17 |
2. | "तुम्ही येताना केला इशारा" | क्षितीज पटवर्धन | अमितराज | वैशाली सामंत | 4:20 |
3. | "वज्राबहू महाबहू (कोंडाजी थीम)" (थीम केदार दिवेकर ने किया) | दिग्पाल लांजेकर | Chorus | 2:14 | |
4. | "शिवाबा मल्हारी" (थीम केदार दिवेकर ने किया) | दिग्पाल लांजेकर | प्रसाद ओक, अजय पुरकर, निखिल राऊत, अस्ताद केल, हरीश दुधाडे और सचिन देशपांडे | 4:19 | |
5. | "शिव मुद्रा (शिवाजी थीम)" (थीम केदार दिवेकर ने किया) | दिग्पाल लांजेकर | Chorus | 1:58 | |
6. | "जिजाऊ साहेब (जिजाऊ थीम)" (थीम केदार दिवेकर ने किया) | दिग्पाल लांजेकर | Chorus | 1:21 | |
7. | "रायगड प्रशस्ति (रायगड थीम)" (थीम केदार दिवेकर ने किया) | दिग्पाल लांजेकर | Chorus | 0:45 | |
कुल अवधि: | 20:12 |
टाइम्स ऑफ इंडिया की रेणुका व्यवहारे ने फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार की रेटिंग दी और कास्टिंग की तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि इससे इस मराठी ‘पीरियड फिल्म’ को क्रेडिट मिली है। उन्होंने अंकित मोहन, चिन्मय मंडलेकर, प्रसाद ओक, मृण्मयी देशपांडे और मृणाल कुलकर्णी का मेंशन करते हुए उनकी ऐक्टिंग की तारीफ की. उसे लगा कि पैमाने और दृश्य प्रभावों की कमी, प्रदर्शन और इरादे ठीक करता है। अंत में, उन्होंने कहा, "फ़र्ज़ंद मनोरंजन जानकारीपूर्ण होता है, लेकिन यह आपको काफी तक इनगेज करता है, और भी इनगेज अधिक से अगर आप एक इतिहासिक उत्साही, एक विगिलानटी या एक उद्देश्य के साथ विद्रोही होते हैं।" [6] पुणे मिरर के गणेश मटकरी ने फिल्म को पांच में से तीन स्टार दिए, व्यवहारे से सहमति जताते हुए उन्होंने कलाकारों की चलकित्र की प्रशंसा कीया था। उन्होंने फिल्म के स्वच्छ दृष्टि की आलोचना की, जैसा कि उन्होंने कहा, "लेकिन हम उन्हें किले में प्रवेश करते हुए देखते हैं और यहां तक कि लड़ाई के बीच में भीदिखते है, तो उनकी कपड़ों पर एक दाग भी दाग नहीं है।" उन्होंने अंत में कहाँ, "फ़र्ज़ंद एक अम्बिशयस, लेकिन पुराने जमाने की चलचित्र है जो एक मनोरंजक अनुभव करती है, अगर आप अपनी अपेक्षाओं को थोड़ा छोटा करने को तयार हैं।" [7] लोकमत ने चलचित्र को पांच में से साढ़े तीन स्टार की रेटिंग दी थी। [8] मराठी स्टार्स के अभय साल्वी ने फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार रेटिंग दी और उन्होंने कहा, "सभी महाराज भक्तों के लिए फर्जंद वह फिल्म है जिसका सब लोग इंतजार कर रहे थे! और अन्य मराठी ऑडिएंसेज़ के लिए भी आप पहली बार एक उत्साही ऐतिहासिक काव्य/चलचित्र देख सकते हैं जिसमें शानदार प्रदर्शित है और जो बहुत अधिक जिंगोनिज्म से भी दूर है।'' [9]
फर्ज़ंद का पूरा पैसे का संग्रह ₹10 करोड़ था और फिल्म को व्यावसायिक रूप से सफल घोषित किया गया था। [10][बेहतर स्रोत वांछित]</link>
फिल्म को 2018 में हॉटस्टार पर वॉड के रूप में उपलब्ध किया था [11]