फ़िरोज़पुर Firozpur ਫ਼ਿਰੋਜ਼ਪੁਰ | |
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सारागढ़ी स्मारक, फ़िरोज़पुर | |
निर्देशांक: 30°56′N 74°38′E / 30.94°N 74.63°Eनिर्देशांक: 30°56′N 74°38′E / 30.94°N 74.63°E | |
ज़िला | फ़िरोज़पुर ज़िला |
प्रान्त | पंजाब |
देश | भारत |
संस्थापक | फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ |
नाम स्रोत | फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ |
शासन | |
• प्रणाली | लोकतांत्रिक |
• सांसद | सुखबीर बादल (शिअद) |
• विधायक (शहरी) | परमिंदर सिंह पिंकी (कांग्रेस) |
• विधायक (ग्रामीण) | सतकार कौर (कांग्रेस[1] |
ऊँचाई | 182 मी (597 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,10,313 |
वासीनाम | फिरोज़पुरी, फिरोज़पुरिया |
भाषा | |
• प्रचलित | पंजाबी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 152001 |
दूरभाष कोड | 91-1632 |
वाहन पंजीकरण | PB 05 |
लिंगानुपात | 885/1000 ♀/♂ |
साक्षरता | 69.80% |
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र | फ़िरोज़पुर |
विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र | फिरोजपुर सिटी |
आयोजना अभिकरण | पंजाब नगर आयोजना एवं विकास प्राधिकरण (पुडा) |
मुख्य राजमार्ग | NH-5, NH-354, SH-15, SH-20 |
जलवायु | Cw (कोपेन) |
औसत ग्रीष्म तापमान | 29.7 °से. (85.5 °फ़ै) |
औसत शीत तापमान | 16.9 °से. (62.4 °फ़ै) |
बारिश | 731.6 मिलीमीटर (28.80 इंच) |
वेबसाइट | www |
फ़िरोज़पुर (Firozpur) भारत के पंजाब राज्य के फ़िरोज़पुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। सतलुज नदी के किनारे बसे इस नगर की स्थापना सुल्तान फिरोज शाह तुगलक (1351-88) ने की, जो तुगलक वंश का एक शासक था और जिसने 1351 से 1388 तक दिल्ली की सल्तनत पर शासन किया था।[2][3][4][5]
फिरोजपुर एक प्राचीन शहर है जो वर्तमान भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब स्थित है। यह माना जाता है कि 14 वीं शताब्दी में इसे फिरोज शाह तुगलक द्वारा स्थापित किया गया था, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि इसे फिरोज़ खान नामक एक भट्टी प्रमुख द्वारा स्थापित किया गया था। हालाँकि, तुगलक द्वारा स्थापना को अधिक व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है क्योंकि फिरोजशाह तुगलक को नए शहरों की स्थापना और पुराने शहरों का नाम विशेष रूप से अपने नाम पर बदलने का शौक था।
देश के उत्तर-पश्चिम में फिरोजपुर की रणनीतिक स्थिति के कारण इस क्षेत्र में कई लड़ाइयां लड़ी गयीं। 1845 में प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध के दौरान, फिरोजपुर में ब्रिटिश कमांडर की लापरवाही के कारण खालसा ने बिना किसी विरोध के सतलुज नदी पार कर ली थी। जब लॉर्ड हार्डिंग ने सिखों से युद्ध की घोषणा की, तो पहली लड़ाई फ़िरोज़पुर के 20 मील दक्षिण-पूर्व में स्थित मुदकी में लड़ी गई थी। 1838 में रिस्त आंग्ल-अफगान युद्ध के दौरान, फिरोजपुर वह केंद्र था जहां से ब्रिटिश सैनिक काबुल पहुंचे।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के तीन वीर शहीद भगत सिंह और उनके साथी शहीद राजगुरु और शहीद सुखदेव का फ़िरोज़पुर में सतलुज नदी के तट पर अंतिम विश्राम स्थल है। 23 मार्च, 1931 को जनता के विरोध के बावजूद, इन तीनों सेनानियों को लाहौर में फाँसी दे दी गयी और रात के अंधेरे में चुपके से इन तीनों का अंतिम संस्कार फिरोजपुर में सतलुज नदी के तट पर कर दिया गया।
आज इस स्थान पर तीनों शहीदों का एक स्मारक स्थापित है और हर साल 23 मार्च को हजारों लोग इन महान नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहाँ इकट्ठा होते हैं। फिरोजपुर में एक और ऐतिहासिक स्मारक, सारागढ़ी गुरुद्वारा है, जो बलूचिस्तान में सारागढ़ी के 21 सिख सैनिकों के बलिदान का स्मरण करता है। हर साल 12 सितंबर को लोग इन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और सारागढ़ी दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठा होते हैं। स्मारक सेवा पूर्व सैनिकों को पुनर्मिलन का अवसर भी प्रदान करती है।
2011 की भारतीय जनगणना के अनुसार, फिरोज़पुर की कुल जनसंख्या 110,313 थी, जिनमें 58,451 पुरुष थे और 51,862 महिलाएँ थीं। 0 से 6 वर्ष की आयुवर्ग में जनसंख्या 11,684 थी। फिरोजपुर में कुल साक्षरों की संख्या 78,040 थी जो जनसंख्या का 70.7% है। पुरुष साक्षरता दर 73.3% और महिला साक्षरता दर 67.9% थी। प्रभावी साक्षरता दर (7 वर्ष और उससे अधिक की जनसंख्या) 79.1% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 82.3% और महिला साक्षरता दर 75.6% थी। 2011 में फिरोजपुर में 22263 घर थे।[6] दलितों की जनसंख्या 27,395 थी।
भारतीय जनगणना के अनुसार 1991 में फिरोजपुर की जनसंख्या 78,738 थी जो 2001 में बढ़ कर 95,451 हो गयी। पुरुषों की आबादी का प्रतिशत 53 % जबकि महिलाओं की जनसंख्या 47 % है। औसत साक्षरता दर 71 प्रतिशत थी, जो राष्ट्रीय औसत 59.5 प्रतिशत से अधिक थी: पुरुष साक्षरता 73 प्रतिशत और महिला साक्षरता 68 प्रतिशत थी। 11 फीसदी आबादी 6 साल से कम उम्र की थी।
2011 की जनगणना के अनुसार, हिन्दू और सिख धर्म क्षेत्र के मुख्य धर्म हैं। अल्पसंख्यकों में ईसाई धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म और जैन धर्म शामिल हैं।