बम्हनी बंजर Bamhni Banjar | |
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निर्देशांक: 22°28′41″N 80°22′12″E / 22.478°N 80.370°Eनिर्देशांक: 22°28′41″N 80°22′12″E / 22.478°N 80.370°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
ज़िला | मंडला ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 19,619 वर्तमान जनसंख्या |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 481771 |
टेलीफोन कोड | 07649 |
वाहन पंजीकरण | MP51 |
बम्हनी बंजर (Bamhni Banjar), जिसे केवल बम्हनी (Bamhni) भी कहा जाता है, भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मंडला ज़िले में स्थित एक नगर है। यह बंजर नदी के किनारे बसा हुआ है, जो नर्मदा नदी की एक उपनदी है।[1][2]
बम्हनी बंजर मण्डला-सिवनी मार्ग पर स्थित एक नगर है। यह जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी की दूरी पर है। साल 2001 के जनगणना आँकड़ों के अनुसार यहाँ की कुल जनसंख्या 19,619 थी।[3] इसे आस पास के गाँव के साथ सम्मिलित रूप से हवेली क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में इसे उप-तहसील का दर्जा प्राप्त है। ‘हवेली’ क्षेत्र के 45-50 गाँवों के केन्द्र बम्हनी बंजर में, जिसे ब्राह्मणी बंजर भी माना जाता है। यहाँ रेलवे स्टेशन भी है जो ब्रॉड गेज है।
नगर के आस पास के गाँवों में डोलोमाइट, चूना पत्थर का खनन होता है। ये क्षेत्र उच्च गुणवत्ता के ईंट निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। बंजर नदी यहाँ से होकर जाती है। नगर में साप्ताहिक बाजार शनिवार को लगता है जिसमें गाँवों से बड़ी संख्या में ग्रामवासी अपनी जरूरत का सामान खरीदने आते हैं। बस स्टैंड पर स्थित नीलम कॉफ़ी हाउस की रस मलाई पूरे जिले में प्रसिद्ध है। और ठीक इसी के पास यात्री प्रतीक्षालय के सामने बयी तरफ दैनिक भास्कर का कार्यालय हैं
यहाँ मुख्य रूप से स्कूल हैं- हवेली शासकीय उच्च. मा. विद्यालय, शासकीय कन्या उच्च. मा. विद्यालय, सरस्वती उच्च. मा. विद्यालय, ब्राइट कैरियर हाई स्कूल, गुरुकुल इंग्लिश माध्यम स्कूल। यहाँ शासकीय कला महाविद्यालय भी स्थित है। जो रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से सम्बद्ध है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए यहीं से होकर गुजरना पड़ता है। नगर केआगे जहरमऊ नामक गांव से कान्हा जाने के लिए मार्ग है। नगर के आगे जहरमऊ नामक गांव से कान्हा जाने के लिए मार्ग है। बम्हनी नगर सड़क मार्ग के द्वारा सिवनी, नागपुर, बालाघाट तथा मण्डला से जुड़ा हुआ है। यहां महाविद्यालय में पूर्व विधायक श्री संजीव छोटे लाल ऊईके दारा एक विशाल पुस्तकालय की स्थापना की है।