बांग्लादेश की राजनीति और सरकार पर एक श्रेणी का भाग |
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विदेश नीति |
बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के अध्यक्ष(बांग्ला: বাংলাদেশের জাতীয় সংসদের স্পীকার, उच्चारण: बाङ्लादेशेर जातीयो शॉङ्शोदेर स्पीकार अर्थात्:बांग्लादेश की राष्ट्रीय संसद के/की स्पीकर), बांग्लादेश की संविधान द्वारा स्थापित एक संवैधानिक पद है। वे बांग्लादेश की संसद के सभापति एवं अधिष्ठाता है। संसद के अधिष्ठान के अलावा, अध्यक्ष, राष्ट्रपति के उप कार्यवाहक भी हैं, अर्थात्, राष्ट्रपति के अभाव में वे राष्ट्रपतित्व का निर्वाह के लिये भी जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, कुछ अवसरों पर वे विदेशों में भी सदन व देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने संसद के सदस्यों द्वारा निर्वाचित किया जाता है। वे तटस्थ होता हैं एवं संसद को भंग किए जाने के बाद भी अगले अध्यक्ष के चयन तक अध्यक्षता की जिम्मेदारियां निभाने है।
सभापति का चुनाव, प्रक्रिया के नियमों के अनुसार होता है। वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित किसी भी व्यवस्था के अनुरूप ही बांग्लादेश की संसद के सभापति का चुनाव भी सदस्यों द्वारा ही होता है। सदन की पहली बैठक निवर्तमान सभापति की अध्यक्षता में बैठती है। इस बैठक में अध्यक्ष महोदय(या उनकी गैरमौजूदगी में उपाध्यक्ष महोदय), नव निर्वाचित सदन के नए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव नियमों के आधार पर करने की प्रक्रिया शुरू करते हैं, एवं यह चुनाव निवर्तमान सभापति की अध्यक्षता में ही किया जाता है। बहरहाल, नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति अपने स्वयं के चुनाव की अध्यक्षता नहीं कर सकता है। नए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के पश्चात सदन को अनुकल के लिए स्थगित कीया जाता है एवम नए पदाधिकारियों को पद की शपथ दिलाई जाती है। इसके पश्चात सदन पुनः लय अध्यक्ष की अध्यक्षता में बैठती है।
बांग्लादेश की राजनीतिक परंपरा में, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को शपथ ग्रहण करने के साथ ही पद-ग्रहित मान लिया जाता है। अध्यक्ष को, बांग्लादेश के राष्ट्रपति, पद की शपथ दिलाते हैं। सदन के अन्य सामान सांसदों के विपरीत, राष्ट्रीय संसद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष अपने पद पर तब तक विराजमान रहते हैं जब तक उनके संबंधित उत्तराधिकारी पद पर विराजमान नहीं होते(आमतौर पर नए संसद के निर्वाचन के पश्चात)। बांग्लादेश की संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार जैसे ही कार्यवाहक सरकार सत्ता पर आती है वैसे ही, प्रधानमंत्री, अन्य कैबिनेट मंत्री, सत्ता पक्ष के नेता, नेता विपक्ष एवं संसद के मुख्य सचेतक व अन्य सचेतकों को पद सेवानिवृत्त मान लिया जाता है। केवल अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही क्रमिक सदनों के बीच एक कड़ी की तौर पर बने रहते हैं।
निम्न तालिका में सभी पूर्व पदाधिकारियों की काल सहित सूची दी गई है:[1]
सदन | अध्यक्ष | उपाध्यक्ष | संबंधन | कार्यकाल प्रारंभ | कार्यकाल अंत | |
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प्रथम् सदन | शाह अब्दुल हामिद | मो• बायतुल्लाह् | बांग्लादेश अवामी लीग | अप्रैल 10, 1972 | मई 1, 1972 | |
मोहम्मद मोहम्मदुल्लाः | बांग्लादेश अवामी लीग | अप्रैल 7, 1973 | जनवरी 26, 1974 | |||
अब्दुल मालिक वकील | बांग्लादेश अवामी लीग | जनवरी 27, 1974 | नवम्बर 5, 1975 | |||
द्वितीय सदन | मिर्जा गुलाम हाफिज | बेॅरिस्टर सुल्तान अहमद | बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी | अप्रैल 2, 1979 | मार्च 23, 1982 | |
तृतीय सदन | शम्सुल हुडा चौधरी | मो• कोर्बान अली | जातीयो पार्टी | जुलाई 10, 1986 | अप्रैल 24, 1988 | |
चतुर्थ सदन | शम्सुल हुडा चौधरी | बेॅरिस्टर सुल्तान अहमद | जातीयो पार्टी | अप्रैल 25, 1988 | अप्रैल 5, 1991 | |
पंचम् सदन | अब्दुर्रहमान बिस्वास | शेख रजाक अली | बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी | अप्रैल 5, 1991 | सितंबर 25, 1991 | |
शेख रजाक अली | हुमायूं खान पान्नी | बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी | अक्टूबर 12, 1991 | मार्च 19, 1996 | ||
शष्ठम् सदन | शेख रजाक अली | एल के सिद्दिकी | बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी | मार्च 19, 1996 | जुलाई 14, 1996 | |
सप्तम् सदन | हुमायूँ राशिद चौधरी | एॅडवोकेट अब्दुल हामिद | बांग्लादेश अवामी लीग | जुलाई 14, 1996 | जुलाई 10, 2001 | |
एॅडवोकेट अब्दुल हामिद | प्रो• अली अशरफ | बांग्लादेश अवामी लीग | जुलाई 12, 2001 | अक्टूबर 28, 2001 | ||
अष्ठम् सदन | जमीरुद्दीन सरकार | मोहम्मद अख़तर हामिद सिद्दिकी | बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी | अक्टूबर 28, 2001 | जनवरी 25, 2009 | |
नवम् सदन' | अब्दुल हामिद | शौकत अली | बांग्लादेश अवामी लीग | जनवरी 25, 2009 | अप्रैल 24, 2013 | |
शौकत अली (अभिनयक) | खाली | बांग्लादेश अवामी लीग | अप्रैल 24, 2013 | अप्रैल 30, 2013 | ||
शिरिन शर्मीन चौधरी | शौकत अली | बांग्लादेश अवामी लीग | अप्रैल 30, 2013 | जनवरी 24, 2014 | ||
दषम् सदन | शिरिन शर्मीन चौधरी | फज्ले रब्बी मियाँ | बांग्लादेश अवामी लीग | जनवरी 24, 2014 | बा हाल |