बारिपदा Baripada ବାରିପଦା | |
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श्री हरि बलदेव जिउ मंदिर, बारिपदा | |
निर्देशांक: 21°56′06″N 86°44′17″E / 21.935°N 86.738°Eनिर्देशांक: 21°56′06″N 86°44′17″E / 21.935°N 86.738°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | ओड़िशा |
ज़िला | मयूरभंज ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,16,849 |
भाषा | |
• प्रचलित | ओड़िया, हो |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 757 0xx |
दूरभाष कोड | 06792-25xxxx/ 06792-26xxxx |
वाहन पंजीकरण | OD-11 |
वेबसाइट | www |
बारिपदा (Baripada) भारत के ओड़िशा राज्य के मयूरभंज ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2][3]
यहाँ से राष्ट्रीय राजमार्ग 18 गुज़रता है। सिंपलीपल पहाड़ियों के तल पर स्थित इस स्थान से मयूरभंज और आसपास के सभी पर्यटन स्थलों तक पहुंचा जा सकता है।
बारिपदा की स्थिति 21°55′52″N 86°43′39″E / 21.9312°N 86.7276°E[4] पर है। यहां की औसत ऊंचाई 36 मीटर (118 फीट)।
यहां एक प्राचीन किले और जगन्नाथ मंदिर के अवशेष देखे जा सकते हैं।
पूर्ववती शासकों का यह शिकार स्थल प्रोजेक्ट टाइगर के अन्तर्गत शामिल किया गया है। 1956 में इसका चयन आधिकारिक रूप से टाइगर रिजर्व के लिए किया गया था। बारीपाडा से 60 किलोमीटर दूर स्थित यह पार्क 2277.07 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। घने जंगलों, झरनों और पहाड़ियों से समृद्ध इस पार्क में विविध वन्यजीवों को नजदीक से देखा जा सकता है। टाईगर, हिरन, हाथी और अन्य बहुत से जीव इस पार्क में मूलत: पाए जाते हैं।
बारिपदा से 150 किलोमीटर दूर स्थित खिचिंग नगर अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है। एक समय में यह स्थान भंजा शासकों की राजधानी थी। देवी चामुंडा को समर्पित यहां का मंदिर प्रमुख और लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है। यह मंदिर पत्थर की अनोखी मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। चौलाकुंज और बिराटगढ़ यहां के अन्य चर्चित स्थल हैं। चौलाकुंज विशाल स्तंभों और बिराटगढ़ संग्रहालय के लिए जाना जाता है।
यह मंदिर बहाल्दा में स्थित है जो 14वीं शताब्दी में मयूरभंज साम्राज्य की राजधानी थी। अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध देवी किचकेश्वरी का यह मंदिर बारीपाडा से 16 किलोमीटर की दूरी पर है।
खखरूआ वैद्यनाथ के मंदिर के लिए प्रसिद्ध मानात्री बारीपाडा से 36 किलोमीटर की दूरी पर है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर वास्तुकला का एक उत्तम उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर मयूरभंज राजाओं के अभिलेख उड़िया भाषा में खुदे हुए हैं। मंदिर के पश्चिम में एक प्राचीन किला क्षतिग्रस्त अवस्था में देखा जा सकता है।
बारिपदा स्थित इस मंदिर का निर्माण 1863 से 1867 के बीच राजा श्री श्रीनाथ भांजदेव की देखरेख में किया गया था। भगवान जगन्नाथ का यह मंदिर यहां के स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है।
यह पवित्र और खूबसूरत स्थल बारीपाडा से 65 और बालेश्वर से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां का जलप्रपात और एक पहाड़ी पर स्थित अंबिका मंदिर यहां के लोकप्रिय दर्शनीय स्थल हैं।
यह तीर्थस्थान करंजिया से 40 किलोमीटर दूर है और यहां एक पवित्र कुंड है। माना जाता है कि भीम ने इस कुंड में स्नान किया था, इसी कारण इसे भीमकुंड कहा जाता है। जनवरी माह में मकर सक्रांति पर्व यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसके आसपास की सुंदरता देखने के लिए लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है।