बालिका वधू | |
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शैली | नाट्य |
निर्माणकर्ता | पूर्णेदु शेखर |
लेखक | पूर्णेदु शेखर |
निर्देशक | सिद्धार्थ सेनगुप्ता प्रदीप यादव |
अभिनीत | तोरल रसपुत्र ग्रेसी गोस्वामी शशांक व्यास अविका गोर प्रत्युषा बनर्जी रूप दुर्गापाल |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 2 |
एपिसोड की सं. | 2,245 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | ज़ाकिर शेख सचिन छावन फुजेल खान |
निर्माता | सूजोय वाधवा कोमल सूजोय वाधवा |
उत्पादन स्थान | जैतसर व उदयपुर |
छायांकन | संजय मेमने अनिल कटके |
संपादक | संतोष सिंह जनक चौहान |
कैमरा स्थापन | बहूकैमरा |
प्रसारण अवधि | 20 मिनट |
उत्पादन कंपनी | स्फीयर ओरिजिंस |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | कलर्स |
प्रसारण | 21 जुलाई 2008 31 जुलाई 2016 | –
बालिका वधू एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है,[1] जिसका प्रसारण कलर्स पर 21 जुलाई 2008 से 31 जुलाई 2016 तक होता था।[2]ग्रामीण राजस्थान में स्थापित कहानी बचपन से बचपन तक एक बाल दुल्हन के जीवन के चारों ओर घूमती है। पहला सीजन आनंदी और जगदीश पर केंद्रित था, जो बचपन में विवाहित थे। दूसरा सीजन आनंदी की बेटी डॉ नंदिनी के जीवन को दर्शाता है जो कि बाल दुल्हन भी था।[3] इस शो ने 2,000 से अधिक एपिसोड पूरे किया और सबसे लंबे समय तक चलने वाले धारावाहिक के रूप में लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी नाम दर्ज कराया है। [4] बालिका वधू ने राजस्थानी लोक गीत छोटी सी उमर परनाइ रे बाबोसा का इस्तेमाल किया।