बाली Bally বালি | |
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![]() विवेकानंद सेतू (बाली ब्रिज) बाली को कोलकाता के दक्षिणेश्वर क्षेत्र से जोड़ती है | |
निर्देशांक: 22°39′N 88°20′E / 22.65°N 88.34°Eनिर्देशांक: 22°39′N 88°20′E / 22.65°N 88.34°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | पश्चिम बंगाल |
ज़िला | हावड़ा ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,13,377 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | बंगाली |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 711201 |
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र | हावड़ा |
विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र | बाली |
वेबसाइट | www |
बाली (Bally), जो बाली टाउन (Bally Town) भी कहलाता है, भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के हावड़ा ज़िले में स्थित एक शहर है। यह कोलकाता महानगर क्षेत्र का भाग है।[1][2]
बाली कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण के अधीन आता है। बाली नगर पूर्व बाली नगर पालिका का मुख्यालय भी था। यह ऐतिहासिक महत्व के एक शहर है।यह नगर हुगली के तट पर, हावड़ा जिले के उत्तर-पूर्वी छोर पर स्थित है। यह दक्षिणेश्वर काली मंदिर से नदी के दूसरे छोर पर विष्वप्रसिद्ध बेलूर मठ के निकट स्थित है।
बाली हुगली नदी के पश्चीमी छोर पर हावड़ा ज़िले के सबसे उत्तरी छोर में बसा है। समुद्र-स्तर से बाली औसतन् 15 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बाली के उत्तरी सीमा पर 'बाली खल' नामक एक मानव-निर्मित नहर है। यह हुगली जिले के उत्तरपाड़ा को बाली से अलग करता है एवं हावड़ा ज़िले और हुगली ज़िले के बीच सीमा रेखा का भी काम करता है, नहर बनने से पूर्व उत्तरपाड़ा बाली नगर का उत्तरी भाग हुआ करता था(अनऔप्चारिक बंगाली मैं उत्तरपाड़ा का मतलब "उत्तरी वार्ड" होता है)। हुगली नदी कोलकाता जिले में दक्षिणेश्वर को बाली से अलग करती है।
बाली का नाम 'बाली' इस इलाके में नदी किनारे मौजूद रेतीली मिट्टी से पड़ा है। बंगाली भाषा में रेत को 'बालि' (बांग्ला: বালি) कहते हैं। करीब 300 साल पहले इस क्षेत्र मछुआरों की बस्ती हुआ करती थी।
बाली नगर हावड़ा नगर निगम के प्रशासनक्षेत्र में आता है। पूर्वतः बाली स्वयं में ही एक नगर पालिका हुआ करता था। जिसे बाली पौरसभा (पश्चिम बंगाल के प्रशासनिक सब्दावली में नगर पालिका को पौरसभा कहा जाता है) कहा जाता था, उसके प्रशासनक्षेत्र में बाली के अलावा लिलुआ, बेलुड़, घुसड़ी, मालीपंचघड़ा और बैरकपुर मौज़े आते थे। बाली पौरसभा, जिसे 1 अप्रैल 1883 को हावड़ा नगर निगम के प्रशासनक्षेत्र को विभाजित कर स्थापित किया गया था, कुल 132 साल तक अस्तित्व में रही थी। 10 जुलाई 2015 को उसे विस्थापित कर पुनः हावड़ में मिला दिया गया। बाली पौरसभा में कुल 35 वार्ड थे जिसे मिलन के बाद घटा कर 20 कर दिया गया है।[3]
बाली के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार दुर्गा पूजा और दीवाली हैं। अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों में महा शिवरात्रि और चन्द्रसंक्रान्ती शामिल हैं जो कल्याणेश्वरी शिव मन्दिर के दो प्रमुख त्योहार हैं। सास मेला बाली में आयोजित एक वार्षिक मेला है। इन सब के अलावा बाली का सरस्वती पूजा बहुत प्रसिद्ध है और आसपास के इलाकों से भी लोगों यहां पर आयोजीत सरस्वती पूजा को देखने के लिए आते हैं।
बाली सड़क मार्ग, रेलमार्ग और जलमार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। तीन प्रमुख रेलरेखा बाली को जोड़ते हैं: हावड़ा-बर्द्धमान मुख्य रेखा, हावड़ा-बर्द्धमान कौर्ड लाईन और शियालदा-डानकुनी रेखा। पांच रेलवे निर्यात (बाली घाट, बाली हॉल्ट, बाली जंक्शन, रजचन्द्रपुर, और बेलानगर) बाली के क्षेत्र में आते हैं।जी टी रोड और राष्ट्रीय राजमार्ग -2 बाली को सड़क मार्ग द्वारा बाकी के देष से जोड़ता हैं। यह नगर विवेकानंद सेतु और निवेदिता सेतु द्वारा महानगर कोलकाता से जुड़ा है। मध्य कोलकाता बाली से करीब 10 किमी दूर है। ई-रिक्शा बैटरी चालित ऑटो रिक्शा हैं, जो 2014 में बाली के सड़कों पर पेश किया गया था। यह पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त और शोर-मुक्त परिवाहन का ज़रिया है जिस्से शहर की परिवहन व्यवस्था में एक बड़ा सुधार हुआ है।
भारत की 2001 की जनगणना के अनुसार, बल्ली की आबादी 2,61,575 थी। पुरुषों और महिलाओं के लिये जनसंख्या का गठन 43% और 53% है। बल्ली की औसत साक्षरता दर 77% है। पुरुष साक्षरता 78% है, और महिला साक्षरता 74% है।[4]