बाल्तोरो कांगरी | |
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Baltoro Kangri | |
उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 7,312 मी॰ (23,990 फीट) 82वाँ सर्वोच्च |
उदग्रता | 1,040 मी॰ (3,410 फीट) [1] |
निर्देशांक | 35°38′52.69″N 76°40′11.10″E / 35.6479694°N 76.6697500°Eनिर्देशांक: 35°38′52.69″N 76°40′11.10″E / 35.6479694°N 76.6697500°E [2] |
भूगोल | |
स्थान | स्कर्दू ज़िला, गिलगित-बल्तिस्तान, पाक-अधिकृत कश्मीर |
मातृ श्रेणी | काराकोरम |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | अगस्त 4, 1963[3] |
बाल्तोरो कांगरी (Baltoro Kangri), जो सुनहरा सिंहासन या सुनहरा तख़्त (Golden Throne) भी कहलाता है, काराकोरम पर्वतमाला का एक ऊँचा पर्वत है जो विश्व का 82वाँ सर्वोच्च पर्वत भी है। यह पाक-अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बल्तिस्तान क्षेत्र के स्कर्दू ज़िले में गाशरब्रुम उपश्रेणी से दक्षिण में और चोगोलीसा पर्वत से पूर्व में स्थित है। भारत इस पूरे क्षेत्र पर सम्प्रभुता का दावा करता है। प्रसिद्ध बाल्तोरो हिमानी (ग्लेशियर), जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर विश्व की पाँचवी सबसे लम्बी हिमानी है, इसी पर्वत की ढलानों से आरम्भ होती है। बाल्तोरो कांगरी की उत्तरी ढलान से अब्रूज़ी हिमानी उत्पन्न होती है। ध्यान दें कि मिलते-जुलते नाम के बावजूद यह पर्वत बाल्तोरो मुज़ताग़ का हिस्सा नहीं है।