बाळासाहेब गंगाधर खेर

बालासाहेब गंगाधर खेर

बॉम्बे राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री
पद बहाल
15 अगस्त 1947 – 21 अप्रिल 1952
राज्यपाल राजा महाराज सिंह
पूर्वा धिकारी Office Established
(Himself as Prime Minister)
उत्तरा धिकारी मोरारजि देसाई

पद बहाल
30 March 1946 – 15 August 1947
राज्यपाल John Colville
पूर्वा धिकारी Governor’s Rule
उत्तरा धिकारी Office Abolished
(Himself as Chief Minister)
पद बहाल
1937 – October 1939
पूर्वा धिकारी Office Established
उत्तरा धिकारी Governors Rule

जन्म 24 August 1888
Ratnagiri, British Raj
मृत्यु 8 मार्च 1957(1957-03-08) (उम्र 68 वर्ष)
Pune, भारत
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शैक्षिक सम्बद्धता Wilson College
पेशा Lawyer, Politician, Social Worker, Solicitor

बाळासाहेब गंगाधर खेर (1888 - 1957) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी तथा ब्रिटिश कालीन बॉम्बे राज्य के प्रधानमंत्री तथा स्वतंत्रता के बाद बॉम्बे स्टेट के बनने वाले पहले मुख्यमंत्री थे, ब बॉम्बे राज्य में वर्तमान के महाराष्ट्र और गुजरात राज्य शामिल थे। १९५४ में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

जीवन और कार्य

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खेर का जन्म 24 अगस्त 1888 को महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण[1] सर्व साधारण परिवार में हुआ। उनके दादाजी डाकघर चलाते थे।

1922 में खेहर का राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। उन्हें स्वराज पार्टी की बॉम्बे शाखा का सचिव नियुक्त किया गया। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान, उन्हें गिरफ्तार किया गया था और 1930 में आठ महीने की सश्रम कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 1932 में फिर से गिरफ्तार किया गया और दो साल के सश्रम कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई गई।

(3 अप्रैल 1937 से 2 नवम्बर 1939) तक वह पहली बार ब्रिटिशकालीन बॉम्बे प्रांत के पहले प्रधानमंत्री बने। 1940 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और जेल में डाल दिया गया। भारत छोड़ो संघर्ष के दौरान, उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया और अगस्त 1942 में जेल में बंद कर दिया गया। 14 जुलाई 1944 को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।

(30 मार्च 1946 से 15 अगस्त 1947) फिर वह दूसरी बार बॉम्बे स्टेट के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। 1946 में उन्हें भारत की संविधान सभा के लिए चुना गया। स्वतंत्रता के बाद (15 अगस्त 1947 से 21 अप्रैल 1952) तक वह बॉम्बे स्टेट के पहले मुख्यमंत्री बने। 1960 में बॉम्बे स्टेट को समाप्त कर महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में बांट दिया गया।

1954 में उन्हें पद्म विभूषण पुरस्कार प्रदान किया गया, 1955 में उन्हें राजभाषा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। खेर अस्थमा से पीड़ित थे, 8 मार्च 1957 को उनकी मृत्यु हो गई।

वे पूना विश्वविद्यालय (अब "सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय") की स्थापना में सहायक थे। विश्वविद्यालय परिसर में एक इमारत का नाम उनके नाम पर "खेर भवन" रखा गया है। उनकी स्मृति में महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1976 में मुंबई के मालाबार हिल क्षेत्र में लिटिल गिब्स रोड को बी.जी.खेर मार्ग रखा गया है।

सन्दर्भ

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  1. Vasant Moon, Gail Omvedt (2001). Growing Up Untouchable in India: A Dalit Autobiography. Rowman & Littlefield. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0742508811. अभिगमन तिथि १७ जुलाई २०१७.

इन्हें भी देखें

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