बाशा | |
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निर्देशक | सुरेश कृष्ण |
पटकथा | सुरेश कृष्ण |
निर्माता |
आर. एम. वीरप्पन (प्रस्तुतकर्ता) वी. राजम्मल वी. थमिलाझगन |
अभिनेता |
रजनीकांत नगमा रघुवरन |
छायाकार | पी. एस. पारेख |
संपादक | गणेश कुमार |
संगीतकार | देवा |
निर्माण कंपनी |
सत्या मूवीज़ |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
144 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
बाशा (பாட்ஷா; हिन्दी अनुवाद: बादशाह) सन् 1995 की एक भारतीय तमिल भाषा की गैंगस्टर पर आधारित एक्शन फ़िल्म है। फ़िल्म के लेखक तथा निर्देशक सुरेश कृष्ण हैं। इस फ़िल्म में रजनीकांत, नगमा और रघुवरन मुख्य अभिनय भूमिकाओं में हैं, जिनके साथ जनागराज, देवन, शशि कुमार, विजयकुमार, आनंदराज, चरण राज, किट्टी, सत्यप्रिया, शेनबागा और युवरानी सहायक भूमिकाओं में हैं। इस फ़िल्म की कहानी एक ऑटो चालक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दिखने में विनम्र है और हिंसा से दूर रहता है, लेकिन उसका एक काला अतीत है जिसे वह अपने परिवार से छुपाता है।[1]
अन्नामलाई (1992) के निर्माण के दौरान रजनीकांत और कृष्णा ने पूर्व की हिंदी फ़िल्म हम (1991) के एक दृश्य पर चर्चा की, जिसे फ़िल्माया नहीं गया था। बाशा की कहानी फ़िल्म के मुख्य कथानक के साथ-साथ उस दृश्य से प्रेरित थी। बाशा 12 जनवरी 1995 को रिलीज़ हुई थी[2] और इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी।[3] यह रजनीकांत के करियर की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई थी।
मणिकम एक साधारण ऑटो रिक्शा चालक है, जो अपनी मां विजयलक्ष्मी, भाई शिवा और बहनों गीता और कविता के साथ मद्रास में रहता है। वह कविता की शादी उसके प्रेमी से करवा देता है, जो एक संपन्न परिवार से है। शिवा किसी तरह पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) बनने में सफल हो जाता है। मणिकम की फोटो देखने के बाद पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) दिनकर, जिन्होंने शिवा का इंटरव्यू लिया था, मणिकम से मिलना चाहता है। मणिकम झिझकते हुए दिनकर से मिलने उसके दफ्तर आता है, जहां दिनकर को मणिकम की असली पहचान पर शक होता है। गीता को एक मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल जाता है, लेकिन चेयरमैन उससे सीट के बदले में यौन संबंध बनाने की मांग करता है। इस बीच प्रिया अक्सर मणिकम के ऑटो में यात्रा करती है और उसके अच्छे चरित्र को देखकर उसके प्रति आकर्षित हो जाती है।
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