बिहार में मीडिया का आरम्भ बिहार बंधु से हुई जो बिहार से प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी समाचार पत्र था ।
बिहार बंधु का आरम्भ 1872 में केशव राम भट्ट ने की थी जो महाराष्ट्र से बिहारशरीफ में आकर बसे एक ब्राह्मण थे। [1] उस समय हिंदी भाषा के प्रति सम्मान की कमी के कारण बिहार और विशेष रूप से पटना में हिंदी पत्रकारिता ने बहुत कम प्रगति की थी। कई हिंदी प्रकाशन चल नहीं पाए, या शुरू होने से पहले ही बंद कर दिए गए। [2] धीरे-धीरे हिंदी पत्रकारिता ने भी ज्ञान और परिपक्वता हासिल की, ये ऐसे तत्व हैं जिनमें पत्रकारों को महारत हासिल करने में समय लगा।
1880 में बिहार की अदालतों में हिंदी की शुरुआत हुई [1] [3] और इसका प्रभाव बिहार के दूर-दराज के इलाकों में पड़ने लगा।
20वीं सदी का आरम्भ उल्लेखनीय नए प्रकाशनों से हुई, जिसमें 1901 में पटना से प्रकाशित भारत रत्न नामक एक मासिक पत्रिका भी शामिल थी। इसके बाद पटना के दीनापुर से क्षत्रिय हितैषी और आर्यावर्त प्रकाशित हुए। इसी प्रकार उद्योग और चैतन्य चंद्रिका भी निकले। [4] उद्योग का संपादन उस समय के प्रसिद्ध कवि विजयानन्द त्रिपाठी ने किया था, जबकि चैतन्य चंद्रिका का संपादन कृष्ण चैतन्य गोस्वामी ने किया था। साहित्यिक गतिविधियाँ बिहार के कई जिलों तक पहुँचीं। [1] [5]
प्रभात खबर झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में दैनिक रूप से प्रकाशित होने वाला एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है। प्रभात खबर का स्थापना 1984 में झारखंड की राजधानी रांची में हुई थी। प्रभात खबर ने 1996 में पटना संस्करण लॉन्च किया था।[6]