बिहार रेजीमेंट | |
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चित्र:Bihar Regiment Insignia.gif | |
सक्रिय | 1941–Present |
देश | British India 1941-1947 India 1947-Present |
शाखा | Indian Army |
प्रकार | Infantry |
विशालता | 20 Battalions |
Regimental Centre | Danapur Cantonment, पटना |
अन्य नाम |
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आदर्श वाक्य | Karam Hi Dharam (Work is Worship) |
War Cries | Jai Bajrang Bali (Victory to Bajrang Bali) and Birsa Munda Ki Jai (Victory to Birsa Munda)[1] |
युद्ध के समय प्रयोग | Burma Campaign, World War II Indo-Pakistani War of 1947 Indo-Pakistani War of 1965 Indo-Pakistani War of 1971 Kargil War 2020 China–India skirmishes |
सैनिक चिह्न | Pre Independence[2]
Post Independence[2]
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युद्ध सम्मान | Haka, Gangaw and Batalik.
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सेनापति | |
Colonel of the Bihar Regiment | Maj Gen Tejbir Singh[3] |
प्रसिद्ध सेनापति | Lt Gen Sant Singh, Lt Gen K S Mann, Lt Gen A R K Reddy, Lt Gen O S Lohchab, Lt Gen Balbir Singh, Brig SC Johar, Col Umesh Kumar Bojha. |
बिल्ला | |
Regimental Insignia | The Ashoka Lion |
बिहार रेजीमेंट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है।[4] यह ब्रिटिश भारतीय सेना में अपनी उत्पत्ति का पता लगाता है।[5] बिहार रेजिमेंट का गठन 1941 में 11 वीं (टेरिटोरियल) बटालियन, 19 वीं हैदराबाद रेजिमेंट को नियमित करके और नई बटालियनों का गठन करके किया गया था। बिहार रेजिमेंटल सेंटर (BRC) पटना, दानापुर छावनी, भारत की दूसरी सबसे पुरानी छावनी में स्थित है।[6] INS विक्रमादित्य, भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा जहाज और इसका एकमात्र विमानवाहक पोत, बिहार रेजिमेंट, भारतीय सेना की अति-सुशोभित और युद्ध की कड़ी इकाई से संबद्ध है। भारतीय सेना की सभी रेजीमेंटों में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन (4 बटालियन: 4RR, 24RR, 47RR, 63RR) की संख्या सबसे ज्यादा होने से रेजिमेंट भी अलग है।