बीस साल बाद | |
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बीस साल बाद का पोस्टर | |
निर्देशक | बिरेन नाग |
निर्माता | हेमंत कुमार |
अभिनेता |
विश्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पुरी, असित सेन |
संगीतकार | हेमंत कुमार |
प्रदर्शन तिथि |
1962 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
बीस साल बाद 1962 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे हेमंत कुमार द्वारा निर्मित किया गया और निर्देशक के रूप में बिरेन नाग की पहली फिल्म है। फिल्म में विश्वजीत, वहीदा रहमान, मदन पुरी और असित सेन हैं। फिल्म हेमंत कुमार के संगीत के लिए भी जानी जाती है और यह बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।
चंदनघाट में एक अमीर ठाकुर ने गांव की एक लड़की से बलात्कार कर दिया। इसके बाद वह आत्महत्या कर लेती है और जल्द ही ठाकुर की भी मृत्यु हो जाती है। ग्रामीणों का मानना है कि उस लड़की की आत्मा ने उसकी हत्या की है। ठाकुर के बेटे और भाई की भी मौत हो जाती है।
बीस साल बाद ठाकुर के पोते कुमार विजय सिंह (विश्वजीत) आता है। ग्रामीण उसे उस पुश्तैनी घर से दूर रहने की चेतावनी देते हैं जहां उसके पूर्वज मारे गए थे। लेकिन विजय अभी भी वहीं रहने की जिद करता है और एक जासूस को काम पर रखता है।
सभी गीत शकील बदायूँनी द्वारा लिखित; सारा संगीत हेमंत कुमार द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायन | अवधि |
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1. | "कहीं दीप जले कहीं दिल" | लता मंगेशकर | 5:24 |
2. | "बेक़रार करके हमें यूँ ना जाइये" | हेमंत कुमार | 3:09 |
3. | "ऐ मोहब्बत मेरी दुनिया में" | लता मंगेशकर | 3:42 |
4. | "सपने सुहाने लड़कपन के" | लता मंगेशकर | 3:58 |
5. | "ज़रा नज़रों से कह दो जी" | हेमंत कुमार | 3:18 |
प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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हेमंत कुमार | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
बिरेन नाग | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
लता मंगेशकर ("कहीं दीप जले कहीं दिल") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायन पुरस्कार | जीत | |
शकील बदायूँनी ("कहीं दीप जले कहीं दिल") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार[1] | जीत | |
हेमंत कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित |