बृहद्रथ मौर्य | |
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९वाँ मौर्य सम्राट | |
शासनावधि | ल. 187 |
पूर्ववर्ती | शतधन्वन |
उत्तरवर्ती | पुष्यमित्र (शुंग राजवंश का संस्थापक) |
जीवनसंगी | बेरेनिके , (जो ग्रीक-बैक्ट्रियन साम्राज्य के राजा डेमीट्रियस की बेटी थी ) |
राजवंश | मोरिय क्षत्रिय |
धर्म | बौद्ध |
शतधन्वन का पुत्र बृहद्रथ मौर्य साम्राज्य का अन्तिम शासक था। उसका शासन १८७ ईसापूर्व से १८० ईसापूर्व तक था। वह भी बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसके अपने ही सेनापति पुष्यमित्र ने बृहद्रथ की हत्या कर दी और एक नए राजवंश का उदय हुआ जिसे शुंग राजवंश कहते हैं। जब बृहद्रथ राजा बना, उस समय मौर्य साम्राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र ही थी किन्तु अशोक के समय मौर्य साम्राज्य का जितना विस्तार था उसकी तुलना में बृहद्रथ का साम्राज्य बहुत छोटा हो गया था। "एक महत्वपूर्ण विवरण सिलोनी बौद्ध ग्रंथों द्वारा दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि बृहद्रथ ने ग्रीको-बैक्ट्रियन राजा डेमीट्रियस की बेटी, बेरेनिके (पालि ग्रंथों में सुवर्णांकसी) से विवाह किया था।"
पुराणों के अनुसार शतधन्वन के पश्चात बृहद्रथ राजा बना और उसने ७ वर्ष तक राज्य किया। [1]
बृहद्रथ के अपने ही सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने १८० ईसापूर्व उसकी हत्या कर दी और स्वयं राजा बन बैठा। मौर्य साम्राज्य का सदा के लिए अन्त हो गया और पुष्यमित्र शुंग वंश का शासन आरम्भ हुआ। [2] बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित के अनुसार, बृहद्रथ के सामने मौर्य सेना का शौर्य के शौर्य का प्रदर्शन करने के बहाने पुष्यमित्र ने बृहद्रथ को मार दिया।[3]
बृहद्रथ ने कई बौद्ध स्तूपों का पुननिर्माण कराया था, जैसे जैसे सांची और भरहुत के स्तूप।
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