बोवाइन पापुलर स्टोमाटाइटिस (Bovine papular stomatitis) इसी नाम के विषाणु से होने वाला पशुजन्यरोग रोग है। यह संक्रमित मवेशियों से दुधारू पशुओं में जा सकता है और फिर दुध में मिलकर किसानों और पशु चिकित्सकों में बीमारी पैदा कर सकता है।[1] इस रोग से त्वचा पर कभी एक अथवा बहुत सारे छाले/फफोले (क्षति) हो जाते हैं। सामान्यतः ये छाले हाथों अथवा भुजाओं पर होते हैं।[1] रोग सामान्यतः कम प्रभाव वाला होता है।[2]
यह विषाणु पैरापोक्सवाइरस जीन वाला पॉक्सविरिडाई परिवार का सदस्य है। यह सामान्यतः संक्रमित पशु के सम्पर्क में आने से फैलता है लेकिन सीधे सम्पर्क में नहीं आये लोगों में भी देखने को मिलता है।[1] यह विषाणु मुंहपका-खुरपका रोग जैसा ही रोग है।[2] इसक आअकार लगभग 320 नैनोमीटर से 190 नैनोमीटर तक होता है जो पैरापोक्सवायरस में सबसे लम्बा है। यह अण्डे जैसी संरचना वाला वायरस है।[3]
विश्वभर में यह मवेशियों में पाया जाता है।[1] सामान्यतः यह उन स्थानों पर पाया जाता है जहाँ मवेशी एक दूसरे के सम्पर्क में तंग स्थानों पर आते हैं। अन्य पशुओं में छाले लाल, उभरे हुये और कई बार कई रंगों में होठों पर भी होते हैं। यह सामान्यतः मवेशियों में दो वर्ष की आयु से पहले होता है।[4]