गणित में निम्नलिखित मैट्रिक्स को ब्रह्मगुप्त मैट्रिक्स कहते हैं। यह भारत के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त द्वारा प्रतिपादित की गयी थी।[1]
यह मैट्रिक्स निम्नलिखित समीकरण को संतुष्ट करती है-
और को ब्रह्मगुप्त बहुपद (Brahmagupta polynomial) कहते हैं। ब्रह्मगुप्त मैट्रिक्स का विस्तार को ऋणात्मक घातांकों के लिये भी किया जा सकता है-