ब्रोकस्कत | |
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Minaro / Brokskat / འབྲོག་སྐད་ | |
बोलने का स्थान |
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तिथि / काल | 1996 |
क्षेत्र | लद्दाख़, गिलगित-बलतिस्तान |
समुदाय | ब्रोकपा (मिनारो) |
मातृभाषी वक्ता | लगभग 3000 |
भाषा परिवार |
हिन्द-यूरोपीय
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लिपि | तिब्बती लिपि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | bkk |
ब्रोकस्कत (Brokskat) या मिनारो (Minaro) भारत के लद्दाख़ प्रदेश में ब्रोकपा समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक लुप्तप्राय हिन्द-आर्य भाषा है। सभी दार्दी भाषाओं में यह सबसे प्राचीन जीवित भाषा मानी जाती है। कुछ भाषावैज्ञानिक इसे शीना भाषा से विकसित मानते हैं लेकिन आज ब्रोकस्कत और शीना बोलने वाले एक-दूसरे को समझ नही सकते। ब्रोकस्कत के कुछ बोलने वाले गिलगित-बलतिस्तान में भी रहते हैं, जिसपर पाकिस्तान का कब्ज़ा है लेकिन जिसे भारत अपना भाग मानता है।[1][2][3]
Minaro is an alternate ethnic name. "Brokpa" is the name given by the Ladakhi for the people. "Brokskat" is the language.