भर भारत का एक जाति समुदाय है। इन्हे राजभर भी कहते हैं।[1] ये भारशिव नागवंशीक्षत्रिय समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। प्राचीन भारत में इनका राज्य अवध से रीवा तक फैला था। [2]इस वंश के सबसे महान राजा महाराजा सुहेलदेव थें जिन्होंने ग्यारहवीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रांताओं से भारतवर्ष राष्ट्र की रक्षा की।[3]
भर मुख्य रूप से छोटे किसानों का एक समुदाय है जो अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी हेतु मजदूरी भी करते हैं। समान्यतः भर जाति के लोगों का भूमि स्वामित्व कम है। यह हिन्दू धर्म को मानते हैं तथा इनका सांस्कृतिक आचरण अवध क्षेत्र के अन्य हिन्दू समुदायों जैसा ही है। यह लोग अवधी व भोजपुरी भाषा बोलते हैं। भर समुदाय आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, वाराणसी, अंबेडकर नगर व फ़ैज़ाबाद जिलों में पाया जाता है।[6]
भर जाति भारत की आरक्षण व्यवस्था के तहत अति पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत है। 2013 में, उत्तर प्रदेश में भर व अन्य 16 अति पिछड़े समुदायों को "अन्य पिछड़ा वर्ग" सूची ने निकाल कर "अनुसूचित जाति" वर्ग में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया,[7] जो की 2014 के चुनावों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा भी हो सकता था।[8]
भर उन 17 जतियों में से हैं जिनहे उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने "अनुसूचित जाति" में सम्मिलित किए जाने का प्रस्ताव दिया था जिसे वोट बैंक राजनीति मानते हुये अदालती रोक के बाद भारत सरकार ने स्थगित कर दिया है।[9][10]
↑ए. हसन व जे.सी. दास द्वारा संपादित पीपुल ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश वॉल्यूम XLII पार्ट 1 (People of India Uttar Pradesh Volume XLII Part One edited by A Hasan & J C Das) pages 268 to 271
↑"Mirat, Paul", Benezit Dictionary of Artists, Oxford University Press, 2011-10-31, अभिगमन तिथि 2022-01-03
↑ए. हसन व जे.सी. दास द्वारा संपादित पीपुल ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश वॉल्यूम XLII पार्ट 1 (People of India Uttar Pradesh Volume XLII Part One edited by A Hasan & J C Das) pages 268
↑ए. हसन व जे.सी. दास द्वारा संपादित पीपुल ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश वॉल्यूम XLII पार्ट 1 (People of India Uttar Pradesh Volume XLII Part One edited by A Hasan & J C Das) pages 270