स्वतन्त्रता के बाद भारत ने आर्थिक विकास के लिये समाजवादी आर्थिक नीतियों का अनुसरण किया। कई क्षेत्रों में तो भारत सरकार का एकमात्र अधिकार था। स्वतन्त्रता के उपरान्त तीन दशक तक भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल १% प्रति वर्ष की दर से बढ़ी। ८० के दशक के मध्य से भारत ने अपने बाजार को धीरे-धीरे खोलना आरम्भ किया और आर्थिक उदारवाद के मार्ग पर चल निकला। 1991 ई के पश्चात और भी अधिक मूलभूत आर्थिक सुधार हुए। २००० के बाद आर्थिक सुधारों को और गति दी गयी और अब भारत मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था की दिशा में बहुत आगे निकल गया है।
१९९१ के आर्थिक उदारीकरण के बाद भारत की जीडीपी की वृद्धि दर में तेजी आयी।[1][2]
वर्ष | वृद्धि (वास्तविक) (%) |
---|---|
2017 | |
2016 | 8.0 |
2015 | 7.3 |
2014 | 6.9 |
2013 | 5.1 |
2012 | 6.5 |
2011 | 6.8 |
2010 | 7.1 |
2009 | 7.4 |
2008 | 7.4 |
2007 | 9.1 |
2006 | 9.2 |
2005 | 8.4 |
2004 | 6.2 |
2003 | 8.3 |
2002 | 4.3 |
2001 | 6.0 |
2000 | 5.6 |
भारत के विभिन्न भागों की वृद्धि दर में बहुत असमानता है। वर्ष 2015-16 में, आंध्र प्रदेश की वृद्धि दर (10.99%), बिहार की (10.27%) और मध्य प्रदेश की (10.16%) रही जबकि महाराष्ट्र की (8%) , उड़ीसा (6.16%) और पंजाब (5.96%) थी।[3]
सन २०१५ के फोर्ब्स वैश्विक २००० में ४७ भारतीय कम्पनियों को स्थान मिला था। [4] सबसे बड़ी १० कम्पनियाँ ये थीं-
वैश्विक रैंक | कम्पनी | लोगो | उद्योग | राजस्व (बिलियन $) |
लाभ (बिलियन $) |
पूँजी (बिलियन $) |
बाजार मूल्य (बिलियन $) |
---|---|---|---|---|---|---|---|
142 | रिलायन्स उद्योग | Oil & Gas Operations | 71.7 | 3.7 | 76.6 | 42.9 | |
152 | भारतीय स्टेट बैंक | ![]() |
बैंकिंग | 40.8 | 2.3 | 400.6 | 33 |
183 | Oil and Natural Gas Corporation | Oil & Gas Operations | 28.7 | 4.4 | 59.3 | 43.7 | |
263 | Tata Motors | 42.3 | 2.7 | 34.7 | 28.8 | ||
283 | ICICI Bank | ![]() |
Banking | 14.2 | 1.9 | 124.8 | 30 |
431 | NTPC | ![]() |
Utilities | 12.9 | 1.9 | 35.4 | 20.2 |
463 | Tata Steel | ![]() |
Materials | 32.77 | 3.08 | 31.16 | 2.46 |
349 | Indian Oil Corporation | Oil & Gas Operations | 74.3 | 1.2 | 44.7 | 14.6 | |
485 | HDFC | Banking | 8.4 | 1.4 | 84.3 | 41.6 | |
485 | TCS | Information Technology | 15.1 | 3.5 | 11 | 80.3 |