भारत के वन्यजीव |
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जैव विविधता |
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संगठन
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संरक्षित जैवमंडल या आरक्षित जैवमंडल या बायोस्फीयर रिज़र्व या जैवमंडल आगार/निचय (अंग्रेज़ी: Biosphere Reserve) ऐसे क्षेत्र हैं जो भौगोलिक रूप से जीव जंतुओं के प्राकृतिक भू-भाग की रक्षा करते हैं और अकसर आर्थिक उपयोगों के लिए स्थापित बफर जोनों के साथ एक या ज्यादा राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य को संरक्षित रखने का काम करते हैं। संरक्षण न केवल संरक्षित क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों का किया जाता है बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले मानव समुदायों को भी यह संरक्षण प्रदान किया जाता है।
भारत सरकार ने देश भर में 18 संरक्षित जैवमंडल स्थापित किए हैं।[1]
यूनेस्को के मानव और संरक्षित जैवमंडल (MAB) कार्यक्रम(1972) सूची के आधार पर भारत के अठारह जीवमंडल संरक्षित क्षेत्रों में से 12 संरक्षित जैवमंडलों के विश्व नेटवर्क का भाग हैं।
नाम | राज्य | वर्ष |
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नीलगिरि संरक्षित जैविक क्षेत्र | तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक | 2000 |
मन्नार की खाड़ी | तमिलनाडु | 2001 |
सुन्दरवन जैवमंडल रिजर्व | पश्चिम बंगाल | 2001 |
नन्दा देवी जैवमंडल रिजर्व | उत्तराखंड | 2004 |
नोकरेक जैवमंडल रिजर्व | मेघालय | 2009 |
पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व | मध्य प्रदेश | 2009 |
सिमलिपाल जैवमंडल रिजर्व | उड़ीसा | 2009 |
बड़ा निकोबार जैवमण्डल रिजर्व | बड़ा निकोबार | 2013 |
अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ | 2012 |
अगस्त्यमलाई बायोस्फीयर रिजर्व | तमिलनाडु और केरल | 2016[6] |
कंचनजंघा | सिक्किम | 2018 |
पन्ना बायोस्फेयर रिजर्व | मध्यप्रदेश | 2020 |
वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा चयनित बायोस्फीयर रिजर्व के लिए संभावित साइटों की सूची निम्नलिखित है।