भारत में २०० ईसापूर्व से १८०० के आसपास तक सन (भांग का पटुआ) से कागज बनाया जाता रहा।]]
भारत का लुगदी एवं कागज उद्योग विश्व के सर्वाधिक कागज उत्पादकों में से एक है किन्तु अब भी विश्व के १० सर्वाधिक उत्पादकों में इसका स्थान नहीं है। हाल के वर्षों में भारत ने कागज उत्पादन की नई प्रौद्योगिकी अपना ली है।[1]