भारतीय पुलिस सेवा, जिसे आम बोलचाल में भारतीय पुलिस या आईपीएस, के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवा के एक अंग के रूप में कार्य करता है, जिसके अन्य दो अंग भारतीय प्रशासनिक सेवा या आईएएस और भारतीय वन सेवा या आईएफ़एस हैं जो ब्रिटिश प्रशासन के अन्तर्गत इंपीरियल पुलिस के नाम से जाना जाता था।
भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग, दिल्ली (UPSC) द्वारा प्रत्येक वर्ष मई से आरम्भ होकर जनवरी तक आयोजित की जाती है। जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के भारतीय पुलिस पदो को भरना है। और जिसमें प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या मैं युवा परीक्षा देते हैं जिसमे से की श्रेष्ठ युवा को इस पद के लिए चुना जाता हैं।
भारतीय पुलिस सेवा ( आई.पी.एस. (IPS) ) में चयन सिविल सेवा परीक्षा (प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित) के द्वारा होता है। इस पद की समाज में प्रतिष्ठा को देखते हुए देश के लाखों युवाओं के बीच इसके प्रति जबरदस्त आकर्षण है। जिसके वजह से देश के लाखों युवा इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन अन्तिम चयन में कुछ मेहनती और प्रतिभाशाली छात्र ही स्थान बना पाते हैं। भारतीय पुलिस सेवा में अभ्यर्थी का चुनाव परीक्षा में उसके अंक और उसके द्वारा दी गयी पदो की वरीयता के हिसाब से होता है। इस सेवा के साथ चुनौतियाँ और उत्तरदायित्व जुड़े हुए हैं, इसलिए संघ लोक सेवा आयोग ऐसे अभ्यर्थी का चुनाव करता है जो इस सेवा के अनुकूल हो।
आई.पी.एस में चुने हुए अभ्यर्थी का प्रशिक्षण सरदार बल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी, हैदराबाद में होती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अभ्यर्थी को जो राज्य कैडर दिया जाता है, उस राज्य के किसी जिले के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में एक साल की कार्य प्रशिक्षण लेनी होती है। इसके बाद सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में दो वर्ष तक कार्य करने होते है। सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए, अधिकारी के उत्तरदायित्व पुलिस उपाधीक्षक के समकक्ष होती है। अपराध को रोकना और उसका पता लगाना प्रमुख कार्य है।
सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करते हुए अपने वरीय अधिकारी पुलिस अधीक्षक, वरीय पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक के प्रति जवाबदेही होती है। पदोन्नति के द्वारा आई.पी.एस अधिकारी सहायक पुलिस अधीक्षक से पुलिस महानिदेशक पद तक पहुँच सकता है। पुलिस महानिदेशक राज्य पुलिस बल का मुखिया होता है। साथ ही आई.पी.एस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार के खुफिया विभाग इंटेलिजेन्स ब्यूरो (आई.बी) और सी.बी.आई में जाते है।
दिल्ली, मुम्बई और कोलकता जैसे शहरों में, कानून और व्यवस्था को बनाये रखना पुलिस बल की विशेष जिम्मेदारी है। इन शहरों में पुलिस अधिकारी को सहायक पुलिस आयुक्त, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संयुक्त पुलिस आयुक्त और पुलिस आयुक्त (सीपी) कहा जाता है। पुलिस आयुक्त इन शहरों के पुलिस बल का प्रमुख होता है।
आईपीएस अधिकारी अपना करियर सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में शुरू करते हैं।
पुलिस महानिदेशक "DGP" - डीजीपी भारत में किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सर्वोच्च रैंकिंग वाला पुलिस अधिकारी होता है। वे राज्य पुलिस के प्रमुख के पद पर तैनात हैं । डीजीपी रैंक के अधिकारियों की अन्य पोस्टिंग अग्निशमन विभाग के प्रमुख, जेल प्रमुख हैं, आपराधिक जांच विभाग के प्रमुख । यदि किसी राज्य कैडर में डीजीपी रैंक के एक से अधिक अधिकारी हैं, तो सबसे वरिष्ठ अधिकारी को राज्य पुलिस के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जाता है और अन्य अधिकारियों को पुलिस विभाग के बाहर अन्य विभागों में डीजीपी के रूप में तैनात किया जाता है। इसका उदाहरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक, अग्निशमन बल के महानिदेशक, जेल विभाग के महानिदेशक, अपराध शाखा सीआईडी के महानिदेशक आदि की नियुक्ति है।
पुलिस अपर महानिदेशक "ADG" - यह एक वरिष्ठ अधिकारी का पद है इस रैंक में वे राज्य पुलिस की विशेष इकाइयों जैसे खुफिया, कानून और व्यवस्था, अपराध शाखा, सशस्त्र पुलिस, पुलिस पशिक्षण, आदि के प्रमुख होते हैं
पुलिस महानिरीक्षक "IG" - इस पद पर वह कई पुलिस रेंजों वाले एक पुलिस ज़ोन का प्रमुख होता है।यह एक वरिष्ठ पद है और वे विभिन्न विशेष इकाइयों में भी तैनात होते हैं
पुलिस उपमहानिरीक्षक "DIG" - इस रैंक में वे पुलिस रेंज के प्रमुख होते हैं, जिसमें कई पुलिस जिले शामिल होते हैं यह एक वरिष्ठ पद है और वे विभिन्न विशेष इकाइयों में भी तैनात होते हैं
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक "SSP" - एसएसपी को आम तौर पर बड़े शहरों या महानगरीय क्षेत्रों में पुलिस जिलों का प्रमुख नियुक्त किया जाता है। यह चयन ग्रेड पद है
पुलिस अधीक्षक "SP" - एसपी को आमतौर पर पुलिस जिलों का प्रमुख नियुक्त किया जाता है
अपर पुलिस अधीक्षक "Addl.SP" - अतिरिक्त. एसपी को आम तौर पर पुलिस उप-विभागों का प्रमुख नियुक्त किया जाता है या किसी जिले में पुलिस संचालन की देखरेख में एसपी की सहायता की जाती है।
सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) "ASP" - यह आईपीएस अधिकारियों के लिए प्रवेश स्तर की रैंक है। एएसपी को आमतौर पर उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में तैनात किया जाता है। वे उपखंड के अंतर्गत कई पुलिस थानों के कामकाज की निगरानी करते हैं। यह रैंक पुलिस उपाधीक्षक के समकक्ष है
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का पद एवं प्रतीक चिन्ह[1][2][3]
सहायक पुलिस अधीक्षक (परिवीक्षाधीन पद: २ साल की सेवा)
सहायक पुलिस अधीक्षक (परिवीक्षाधीन पद: १ साल के सेवा)
लघु शब्द
डीजीपी
एडीजीपी
आईजी
डीआईजी
एसएसपी या डीसीपी
एसपी या डीसीपी
एडीशनल.एसपी या एडीशनल डीसीपी
एएसपी या एसीपी
एएसपी
एएसपी
Note:पुलिस आयुक्त का पद अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रैंक के अधिकारियों के पास होता है. उदाहरण के लिए, यह केवल दिल्ली और मुंबई में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रैंक के अधिकारियों के पास है; तिरुवनंतपुरम और गुड़गांव, आगरा में पुलिस कमिश्नर एक महानिरीक्षक (IG) रैंक का अधिकारी होता है। करीमनगर और कोझिकोड में पुलिस आयुक्त एक पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) रैंक का अधिकारी होता है। कुछ छोटे शहरों में पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्तर के अधिकारियों को पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात किया जाता है (eg-:कोल्लम, निजामाबाद)
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