भारत की महिला हॉकी टीम ने जापान के काकामिगाहारा में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीता। फाइनल में भारतीय टीम जापान से 0-1 से हार गई।[1] भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने से ऊंची वरीयता प्राप्त चीन को 4-2 और मलेशिया को 5-1 से हराया था। जापान के खिलाफ उसे लीग मैच में भी 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत की गोलकीपर रजनी इतिमारपू को टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार मिला। भारत को इसके अलावा फेयर प्ले ट्रॉफी भी मिली।
चार टीमों की इस प्रतियोगिता में जापान को स्वर्ण पदक, जबकि मलेशिया को कांस्य पदक मिला।[2]
भारत की महिला हॉकी टीम ने के पहले दिन पूल-ए के अपने पहले मैच में हांगकांग चाइना को 13-0 से हराया। फारवर्ड खिलाड़ी रानी ने सबसे अधिक सात गोल किए।[4]
अपने दूसरे मैच में गत चैम्पियन चीन के हाथों भारत को 1-0 से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
अपने तीसरे मैच में भारत ने मलेशिया को 2-0 से हराकर सेमीफाइनल के लिए क्वॉलिफाई किया। इस मैच में पूनम रानी (39वें मिनट) और लिली चानू (46वें मिनट) ने दूसरे हाफ में एक-एक गोल किया।[5]
भारत ने चीन को पेनल्टी शूट-आउट में 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता। नियमित समय में 2-2 से बराबरी रहने पर पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ जिसमें भारतीय टीम ने चीन को 3-2 से हराया। 2014 में हॉलैंड के हेग में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिये भारत को यह टूर्नामेंट जीतना जरूरी था लेकिन उसे आखिर में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।[7]