भारतीय मानक ब्यूरो हॉलमार्क | |
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मानक संगठन | भारतीय मानक ब्यूरो |
प्रमाणन संस्था | मान्यता प्राप्त 'परख और हॉलमार्किंग केंद्र |
प्रभावी क्षेत्र | भारत |
प्रभावी दिनांक | २००० से सोने और २००5 से चांदी के आभूषणों पर व्यवस्था लागू |
उत्पाद श्रेणी | सोने और चांदी के आभूषण |
कानूनी दर्जा | अभी तक अनिवार्य नहीं |
हालमार्क (अंग्रेजी: hallmark), प्लेटिनम, स्वर्ण, रजत आदि बहुमूल्य धातुओं पर लगाया जाने वाला आधिकारिक चिह्न या मुहर है जो उसकी गुणवत्ता प्रमाणित करने के लिये लगायी जाती है।
आभूषणों में मिलावट रोकने के लिए हॉलमार्किंग की व्यवस्था है। यह व्यवस्था बहुत पुरानी है. अलग -अलग देशों में हॉलमार्किंग की व्यवस्था भी अलग -अलग है। हॉलमार्क के आभूषण अंतर्राष्ट्रीय मानक के होते हैं। प्लैटिनम ,सोने, चांदी, हीरा आदि के आभूषणों की गुणवत्ता की पहचान के लिए हॉलमार्क चिन्ह की एक समान व्यावस्था है। इस पर भारत सरकार की गारंटी होती है। हॉलमार्किंग के आभूषण निर्माण लागत अधिक होने के कारण १० से १५ प्रतिशत मंहगे होते हैं लेकिन शुद्धता की गारंटी होती है। भारत में सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था वर्ष 2000 से और चांदी के आभूषणों पर २००५ से लागू है लेकिन अभी तक भारत में आभूषणों पर हॉलमार्क के चिन्ह की अनिवार्यता नहीं है।
भारत में प्रत्येक आभूषण पर निर्माण वर्ष का कोड अंग्रेजी के वर्ण में अंकित होता है। निर्माण वर्ष का कोड निम्न प्रकार ज्ञात कर सकते हैं:-
हॉलमार्क आभूषण पर निम्न चिन्ह अवश्य देखें ;
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