ध्येय | प्रज्ञानम् ब्रह्म (संस्कृत) |
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प्रकार | सार्वजनिक |
स्थापित | अगस्त 12, 1999 |
सभापति | आनंद देशपांडे |
निदेशक | मुकुल शरद सुताओने[1] |
शैक्षिक कर्मचारी | 82 |
स्नातक | 1050 |
परास्नातक | 475 |
स्थान | प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत 25°25′48″N 81°46′19″E / 25.430°N 81.772°Eनिर्देशांक: 25°25′48″N 81°46′19″E / 25.430°N 81.772°E |
परिसर | शहरी |
रंग | लाल |
जालस्थल | iiita |
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (अंग्रेज़ी: Indian Institute of Information Technology, Allahabad) (आईआईआईटी-इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के झलवा में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह भारत के शिक्षा मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध पच्चीस भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक है और इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
सन् 1998 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इलाहाबाद में देश के दूसरे "भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान" की स्थापना की घोषणा की, जो तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी का गृहनगर था।[2]
संस्थान की स्थापना सन् 1999 में हुई और सन् 2000 में इसे सम विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। सन् 2014 में आईआईआईटी अधिनियम पारित किया गया था, जिसके तहत आईआईआईटी-ए और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित सूचना प्रौद्योगिकी के चार अन्य संस्थानों को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
संस्थान का एक विस्तार परिसर 2005 में अमेठी में खोला गया था,[3] लेकिन सन् 2016 में इसे बंद कर दिया गया था।[4]
एम॰ डी॰ तिवारी संस्थान के पहले निदेशक थे,[5] और वो दिसंबर 2013 तक उस पद पर बने रहे। उन्होंने कार्यकाल पूरा होने पर पद छोड़ने के कुलाधिपति के आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौति दी और न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज करते हुए उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा।[6]
आईआईआईटी-ए ने सन् 2008 से सन् 2014 तक सात विज्ञान सम्मेलनों की मेजबानी की, जिसमें क्लाउड कोहेन-तनुजी, डगलस डी ओशेरॉफ़, इवर जियवेर जैसे नोबेल पुरस्कार विजेताओं सहित और कई अन्य लोगों ने भाग लिया।[7][8][9][10]