भुवन चन्द्र खण्डूरी, मेजर जनरल (से॰नि॰) | |
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पूर्वा धिकारी | नारायण दत्त तिवारी |
उत्तरा धिकारी | रमेश पोखरियाल |
चुनाव-क्षेत्र | गढ़वाल |
जन्म | 1 अक्टूबर 1934 देहरादून, उत्तराखण्ड |
राजनीतिक दल | भाजपा |
जीवन संगी | अरुणा खण्डूरी |
बच्चे | १ पुत्र और १ पुत्री |
निवास | गढ़वाल |
As of १६ सितम्बर, २००६ Source: [सदस्य बायोडाटा] |
भुवन चन्द्र खण्डूरी जिन्हें मेजर जनरल (से.नि.) बी. सी. खण्डूरी (जन्म १ अक्टूबर १९३४) के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तराखण्ड राज्य की तीसरी विधानसभा के सदस्य हैं। वो राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में उत्तराखण्ड विधानसभा की धूमाकोट सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह ८ मार्च २००७ से २७ जून, २००९ तक उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री थे। ११ सितंबर, २०११ को तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे के बाद वे वापस उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बने[1]।
श्री खण्डूरी का जन्म १९३४ में देहरादून (उत्तराखण्ड) में हुआ तथा शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, सैन्य अभियांत्रिकी महाविद्यालय (सी.एम.ई.) पूणे, इन्स्टिटूयूट ऑफ इंजिनियर्स, नई दिल्ली और रक्षा प्रबंध संस्थान सिकन्दराबाद में शिक्षा प्राप्त की।
उन्होने १९५४ से १९९० तक भारतीय सेना की कोर ऑफ इन्जिनीयर्स में सेवा की। भारतीय सेना में विशिष्ट सेवा के लिए उन्हे १९८२ में राष्ट्रपति द्वारा अति विशिष्ट सेवा मैडल प्रदान किया गया।
सेवानिवृत्ति के उपरान्त वे राजनीति में आए और १९९१ तथा बाद के चुनावों में उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।
माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व वाली सरकार में वे सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रह चुके हैं। २००३ में उन्हे कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जिस पर वह मई २००४ में राष्ट्रीय बनाया गया, जिस पर वह मई २००४ मे राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गठबंधन सरकार के सत्ता परिवर्तन तक रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता है। मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रतिष्ठत विकास परियोजना को और तत्परता से दक्षता राष्ट्रीय राजमार्ग से लागू किया।
पूर्वाधिकारी नारायण दत्त तिवारी |
उत्तराखण्ड के मुख्यमन्त्री २००७–२००९ |
उत्तराधिकारी रमेश पोखरियाल |