मंझनपुर Manjhanpur | |
---|---|
निर्देशांक: 25°32′N 81°23′E / 25.53°N 81.38°Eनिर्देशांक: 25°32′N 81°23′E / 25.53°N 81.38°E | |
देश | ![]() |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | कौशाम्बी ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 16,457 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
मंझनपुर (Manjhanpur) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कौशाम्बी ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2] यहां की मुख्य फसल धान और गेहूं है। इस शहर का नाम पहले अमानजहानपुर था। बाद में यह अपभ्रंश हो कर मंझनपुर हो गया। मंझनपुर में चौधरी एहसान हैदर के पूर्वजों द्वारा बनाया गया ऐतिहासिक इमामबाड़ा है। यह इमामबाड़ा ईरानी स्थापत्य कला का नायाब नमूना है। इस इमामबाड़े की खासियत यह है कि बाहर खड़े हो कर देखने पर भी मिंबर पर बैठे मौलाना नज़र आते हैं। मंझनपुर में शिया मुसलमानों का प्रभावशाली इतिहास रहा है। यहां की अजादारी मशहूर है। सात मुहर्रम से लेकर 10 मुहर्रम तक चौधरी एहसान हैदर के इमामबाड़े से जुलूस निकलते हैं। इनमें सबसे बड़ा जुलुस आठ मुहर्रम को निकलता है। इस जुलूस में शामिल बड़े अलम और जुल्जनाह को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यह जुलूस कर्बला तक जाता है। मंझनपुर का कर्बला भी ऐतिहासिक है। इसका निर्माण भी चौधरी एहसान हैदर के पूर्वजों ने कराया था। बाद में मंझनपुर में आए एक तहसीलदार ने इसका पुनर्निर्माण कराया। हाल ही में मंझनपुर टाउन एरिया की चेयरमैन रहीं हाशमी बेगम ने इसका नए सिरे से निर्माण कराया। अब यह कर्बला भव्य बन गया है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे हैं। कर्बला की यह भव्य इमारत ईरान में एक मस्जिद की स्थापत्यकला के नमूने के तौर पर बनाई गई है।