मक़दाद इब्न अस्वद | |
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इस्लामी सुलेख मक़दाद इब्न अस्वद का नाम सुलेख में | |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म |
598 ईस्वी मक्का, अरब प्रायद्वीप (अब सऊदी अरब) |
निधन |
653 ईस्वी मदीना, अरब प्रायद्वीप |
मक़दाद इब्न अस्वद (अरबी: المقداد بن الأسود; 598–653 ईस्वी) इस्लाम के एक प्रमुख साथी (सहाबी) और पैगंबर मुहम्मद के विश्वस्त अनुयायी थे। उनका असली नाम मक़दाद इब्न अम्र था, लेकिन उनके दत्तक पिता अस्वद बिन अब्दे यगूस के नाम पर वे मक़दाद इब्न अस्वद के रूप में प्रसिद्ध हुए।[1]
मक़दाद का जन्म 598 ईस्वी में मक्का में हुआ। वे अम्र इब्न सआद के पुत्र थे। युवावस्था में उन्होंने अस्वद बिन अब्दे यगूस को अपने दत्तक पिता के रूप में अपनाया, जिससे उनका नाम मक़दाद इब्न अस्वद पड़ा।[2]
मक़दाद प्रारंभिक इस्लाम के अनुयायियों में से एक थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण युद्धों में भाग लिया, जैसे बद्र की लड़ाई, जहां उनकी भूमिका निर्णायक थी। वे पैगंबर मुहम्मद के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में इस्लाम के संदेश का प्रचार किया।[3]
मक़दाद की भूमिका बद्र की लड़ाई में उल्लेखनीय थी। वे उन थोड़े से मुसलमानों में से एक थे, जो इस लड़ाई में घोड़े पर सवार होकर लड़ाई में शामिल हुए। उनके साहस और युद्ध कौशल ने मुसलमानों को प्रेरित किया।[4]
मक़दाद इब्न अस्वद इस्लामी इतिहास में एक निष्ठावान और बहादुर साथी के रूप में याद किए जाते हैं। उनके जीवन से त्याग, समर्पण और साहस का संदेश मिलता है। उन्होंने अपने कार्यों और व्यक्तित्व से इस्लाम के अनुयायियों को प्रेरित किया।[5]