मदारी | |
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फ़िल्म का पोस्टर | |
निर्देशक | निशिकान्त कामत |
लेखक |
रितेश शाह (संवाद) |
पटकथा | रितेश शाह |
कहानी | शैलेजा केजरीवाल |
निर्माता | |
अभिनेता |
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छायाकार | अविनाश अरुण |
संपादक | आरिफ शेख |
संगीतकार |
विशाल भारद्वाज सनी-इंदर बावरा पृष्ठभूमि स्कोर: समीर फाटरपेकर |
निर्माण कंपनियां |
परमहंस क्रिएशंस, इज़ीमायट्रीप और सप्तर्षि सिनेविजन |
वितरक | पूजा एंटरटेनमेंट |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | ₹28.7 करोड़[1][2] |
मदारी 2016 की एक भारतीय सामाजिक, रहस्य फिल्म है, जिसे निशिकांत कामत द्वारा निर्देशित किया गया है। इसका निर्माण शैलेश सिंह, मदन पालीवाल, सुतापा सिकदर और शैलेजा केजरीवाल द्वारा किया जाता है और इसीमायट्रीप और निशांत पिट्टी इसके सह-निर्मता है। फ़िल्म के मुख्य कलाकार इरफ़ान ख़ान, विशेष बंसल, जिमी शेरगिल, तुषार दलवी और नीतेश पांडे है और यह फ़िल्म 22 जुलाई 2016 को प्रदर्शित हुई थी।[3][4][5]
एक 10 वर्षीय बच्चे रोहन को उसके छात्रावास से अपहरण कर लिया गया है। रोहन गृह मंत्री का इकलोता पुत्र है। सेना और सीबीआई इस मामले में जाँच चालु कर देते है। सीबीआई अधिकारी नचिकेत वर्मा (जिमी शेरगिल) इस जाँच का नेतृत्व करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अपहरणकर्ता रोहन को मारे नही हैं, अन्य सभी सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले से दूर रहने कि लिये कहते हैं। प्रारंभ में मामला गलत पहचान का दिखाई देता है जिसमें अपहरणकर्ता शायद गलती से रोहन के मित्र चिकू के बजाय उसका अपहरण कर बैठा हो, क्योकि अपहरणकर्ता ने उसे भी नशे से बेहोश कर दिया था।
लंबे समय तक अपहरणकर्ता चुप्पी साधे रहता है और हर कोई यह अनुमान लगाता रहता है कि अपहरणकर्ता कौन हो सकता है। इसके साथ ही जांच को बेहद गुप्त रखा जाता है, ताकि अपहरणकर्ताओं को रोहन की हत्या करने से बचाया जा सके। दृश्यों के पीछे सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार के संदेह को उठाए बिना अपहरणकर्ता के स्थान को खोजने का प्रयास करती हैं। रोहन को वास्तव में निर्मल (इरफ़ान ख़ान) ने अपहरण किया होता है। निर्मल रोहन को उसके कहे अनुसार नहीं चलने पर उसके दोस्त चिकू को मारने की धमकी देता है। निर्मल अपने छुपने के लिए सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता रहता है।
एक दिन, अपहरणकर्ता चिकू के पिता को फोन कर गृहमंत्री को एक संदेश देने के लिए बोलता है कि अपहरणकर्ता ने किसी खास उद्देश्य से गृह मंत्री के बेटे का अपहरण कर किया है। उसकी मांग होती है कि उसके बेटे को लौटा दिया जाये जो सरकार की लापरवाही के कारण मारा जाता है। तब यह पता चलता है कि उसकी पत्नी के छोड़ कर चले जाने के बाद निर्मल अपने बेटे अपू (अपूर्व के लिए छोटा) के साथ रहता था। अपू की मृत्यु स्कूल जाते वक्त रास्ते पर एक पुल गिर जाने से हो जाती है। अपने बेटे के खोजाने के दुख से प्रेरित और उदास हो निर्मल अपने बेटे की मृत्यु के लिए जिम्मेदार राजनेताओं और अन्य लोगों से बदला लेने का फैसला करता है।
यह खबर समाचार में एक ज्वलंत विषय बन जाती है। अंत में, निर्मल रोहन के साथ वापस मुंबई में अपने घर की यात्रा करता हैं, और वहां से एक टीवी न्यूज़ चैनल के माध्यम से कहता हैं कि गृह मंत्री समेत उन सभी लोगों को जो पूल के गिरने में शामिल है,उसके घर आना होगा, नही तो वह स्वयं सहित रोहन को मारने की धमकी देता हैं। वह पूल के ठेकेदार, गृह मंत्री, और सत्तारूढ़ दल के मनी मैन (प्रताप निंबालकर) को उनकी भ्रष्ट गतिविधियों के बारे में टीवी के लाइव प्रसारण पर स्वीकार करवाता है। रोहन इंगित करता है कि वह समझता है कि निर्मल ने जो किया वह क्यों किया और अपने घर जाने से पहले रोहन और निर्मल गले लगते है। निर्मल पुलिस को आत्मसमर्पण कर देता है और बाद में पुलिस के हिरासत में रहते हुए समुद्र में मरते वक्त उसके बेटे द्वारा पहना हुए कपड़े को विसर्जित कर देता है।
फिल्म को नई दिल्ली, राजस्थान, देहरादून, शिमला और मुंबई में फ़िल्माया गया है।[6]
फ़िल्म में संगीत विशाल भारद्वाज,सनी और इन्दर बावरा ने दिया है जबकि इसका पृष्ठभूमि स्कोर समीर फाटरपेकर द्वारा किया गया है। मदारी का पहला गीत "दमा दमा दम" 10 जून 2016 को जारी किया गया था।[7]
गीत सूची | |||
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क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
1. | "दमा दमा दम" | विशाल दादलानी | 4:19 |
2. | "माशूम सा" | सुखविंदर सिंह | 6:24 |
कुल अवधि: | 10:43 |
फिल्म के पहले लुक पोस्टर को इरफ़ान ख़ान द्वारा ट्विटर के माध्यम से अनावरण किया गया था,[8][9][10] और 11 मई 2016 को यूट्यूब पर टी-सीरीज़ द्वारा फ़िल्म का ट्रेलर जारी किया गया था।[11] फिल्म को पूरे भारत में २२ जुलाई २०१७ को प्रदर्शित किया गया था। फ़िल्म में इरफान खान के अभिनय को बहुत प्रशंसा प्राप्त हुई,[12] हालांकि व्यवसायिक रूप से यह फ़िल्म सफल नहीं हो सकी थी।