मदुरई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा மதுரை பன்னாட்டு விமானநிலையம் | |||||||||||
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विवरण | |||||||||||
हवाईअड्डा प्रकार | सार्वजनिक | ||||||||||
स्वामी/संचालनकर्ता | भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण | ||||||||||
सेवाएँ (नगर) | मदुरई, वीरुधुनगर, रामानाथापुरम, दिन्डीगुल, शिवागंगाई, थेनी | ||||||||||
स्थिति | मदुरई, तमिलनाडु | ||||||||||
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (+5:30) | ||||||||||
समुद्र तल से ऊँचाई | 136 मी॰ / 446 फीट | ||||||||||
निर्देशांक | 09°50′01″N 078°05′22″E / 9.83361°N 78.08944°Eनिर्देशांक: 09°50′01″N 078°05′22″E / 9.83361°N 78.08944°E | ||||||||||
वेबसाइट | www | ||||||||||
मानचित्र | |||||||||||
उड़ानपट्टियाँ | |||||||||||
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सांख्यिकी (2018-2019) | |||||||||||
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मदुरई विमानक्षेत्र मदुरई में स्थित है। इसका ICAO कोड VOMD है और IATA कोड IXM है। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां कस्टम्स विभाग उपस्थित नहीं है। इसका रनवे पेव्ड है। इसकी प्रणाली "यांत्रिक हाँ" है। इसकी उड़ान पट्टी की लंबाई 5900 फी. है। यह भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरई शहर और उसके आसपास के क्षेत्र को सेवा प्रदान करता है। यात्री के आवागमन और विमान आवागमन की दृष्टि में यह भारत के 32 वां व्यस्ततम हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा मदुरई रेलवे स्टेशन से 12 किमी की दूरी पर हाईवे 37 के निकट अवस्थित है। इसकी स्थापना 1957 में की गई थी।[4]
मदुरई हवाई पट्टी का इस्तेमाल पहली बार 1942 में रायल एयर फोर्स द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था।[5] इसकी पहली यात्री उड़ान एक फोकर फ्रेन्डसीप विमान द्वारा मद्रास मदुरई त्रिवेन्दम मदुरई मद्रास रुट पर 1956 में की गई थी।[6]
यह 35 उन शहरी विमान बंदरगाहों में से एक था जिनका आधुनिकीकरण के लिए पहचान किया गया। तब नये एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन 12 सितंबर 2010 में किया गया। [7]
इस हवाई अड्डा में साथ-साथ दो टर्मिनल है। पुराना टर्मिनल तथा नया एकीकृत टर्मिनल। नये एकीकृत टर्मिनल का उपयोग अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों के लिए किया जाता है। पुराने टर्मिनल को कार्गो टर्मिनल के रूप में 28 नवंबर 2017 में परिवर्तित किया गया है। कुछ ही वर्षों में काफी बढ़ोतरी के कारण अब नये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल बिल्डिंग बनाने की सोची जा रही है।
यह 35 उन शहरी विमान बंदरों में एक था जिनका आधुनिकीकरण के लिए पहचान कि गई थी। ए ए आई द्वारा एक अति आधुनिक एकीकृत यात्री टर्मिनल का निर्माण किया गया जो पुराने टर्मिनल के साथ है। नये टर्मिनल का उद्घाटन 12 सितंबर 2010 में किया गया जिसकी कुल लागत ₹1.29 अरब (US$18.83 मिलियन) है।[7] कुल मिलाकर 610 एकड़ (250 हे॰) जमीन रनवे के विस्तार के लिए अधिकृत कि गई है जिससे12,500 फीट (3,800 मी॰) लंबे रनवे का विस्तार किया जा सके ताकि बड़े जेट विमान आवागमन कर सके।[8] यह टर्मिनल 17,560 मी2 (189,000 वर्ग फुट) क्षेत्र के साथ आगमन और प्रस्थान पर 250 यात्री क्षमता को संभाल सकता है।[9][10] हवाई अड्डे के पार्किंग में 375 कार और 10 बसें खड़ी करने की क्षमता है। [11] नये टर्मिनल के कुछ सुविधाएं इस प्रकार है।:[12]
नये टर्मिनल में दो लाउंज, एक वीआईपी लाउंज जिसका रख रखाव ए ए आई द्वारा और एक वाणिज्यिक महत्वपूर्ण व्यक्ति लांयज जिसका रख रखाव तमिलनाडु चेम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री। [13]
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