मद्रास की घेराबंदी

मद्रास घेराबंदी
सप्त वर्षीय युद्ध का भाग

चेन्नई का फोर्ट सेंट जॉर्ज दुर्ग
तिथि दिसंबर, १७५८ - फरवरी १७५९
स्थान मद्रास, ब्रिटिश भारत
परिणाम ब्रिटिश विजय
योद्धा
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी
सेनानायक
विलियम ड्रेपर थोमस अर्थर, लाली
शक्ति/क्षमता
3,900 कुल
2,200 सिपाही
1,700 यूरोपी
8,000 कुल
4,000 यूरोपी
3,400 सिपाही
600 मूल कैवैलेरी
मृत्यु एवं हानि
1,200

मद्रास घेराबंदी मद्रास, ब्रिटिश भारत से मद्रास की दिसंबर १७५८ से फरवरी १७५९ के बीच की गयी घेराबंदी को कहा जाता है। यह फ़्रांस की सेनाओं ने सेनापति थोमस अर्थर, लाली की कमान में सप्त वर्षीय युद्ध में की थी। ब्रिटिश दुर्ग युद्ध बंदी होने तक किसी तरह अस्तित्व बनाये रहा।[1] ब्रिटिश सेनाओं ने 26,554 तोप के गोले छोड़े और २ लाख से अधिक बंदूक की गोलियां शहर की सुरक्षा हेतु प्रयोग कीं।[2] फ्रेंच सेनाओं के लिये दुर्ग और मद्रास को न ले पाना बहुत बड़ी निराशा का विषय बना, जिसने उनके भारत विजय के अभियान को गहरा धक्का पहुंचाया। इसमें वंडीवाश के युद्ध ने और बढोत्तरी की।

विलियम ड्रेपर जिसने मद्रास घेराबंदी में ब्रिटिश सेना की कमान संभाली

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. McLynn p.181-82
  2. McLynn p.165