मनकाथा | |
---|---|
निर्देशक | वेंकट प्रभु |
लेखक | वेंकट प्रभु |
निर्माता |
दयानिधि अझागिरी विवेक रत्नावेल |
अभिनेता |
अजित कुमार अर्जुन सरजा तृषा कृष्णन राय लक्ष्मी अंजलि एंड्रिया जेरेमिया महात राघवेंद्र |
छायाकार | शक्ति सरवनन |
संगीतकार | युवान शंकर राजा |
निर्माण कंपनी |
क्लाउड नाइन मूवीज़ |
वितरक |
सन पिक्चर्स रादान मीडियावर्क्स[1] |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
लम्बाई |
160 मिनट[3] |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
लागत | ₹24 करोड़[4] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹68–100 करोड़[5] |
मनकाथा (மங்காத்தா; अनुवाद: सौभाग्य) सन् 2011 की तमिल भाषा की भारतीय एक्शन क्राइम थ्रिलर फ़िल्म है। फ़िल्म के लेखक तथा निर्देशक वेंकट प्रभु हैं। इसका निर्माण क्लाउड नाइन मूवीज़ के तहत दयानिधि अझागिरी द्वारा किया गया है। फ़िल्म में अजित कुमार, अर्जुन सरजा, तृषा कृष्णन, राय लक्ष्मी, अंजलि, एंड्रिया जेरेमिया, महात राघवेंद्र, अरविंद आकाश और सुब्बू पंचू जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। फ़िल्म की कहानी मुंबई में क्रिकेट सट्टेबाजी के पैसे की चोरी के इर्द-गिर्द घूमती है। इस चोरी को चार लोगों के एक गिरोह द्वारा अंजाम दिया जाता है, जिसमें पाँचवाँ आदमी भी शामिल हो जाता है। इसका शीर्षक आमतौर पर सट्टेबाजी में इस्तेमाल किए जाने वाले कार्ड गेम का संबंधित है।[6]
एसीपी विनायक महादेवन एक भ्रष्ट पुलिस अधिकारी है, जिसे फैजल नामक तस्कर को मुठभेड़ में मारे जाने से बचाने के कारण निलंबित कर दिया जाता है। इसी बीच कमल एकंबरम नामक एक पुलिस अधिकारी अपनी आईपीएल जुआ योजनाओं के लीक होने के कारण आत्महत्या कर लेता है। एसीपी पृथ्वीराज मुंबई में आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाजी के घोटालों को समाप्त करने का कार्यभार संभालते हैं। पृथ्वी खुलासा करते हैं कि कमल ने सट्टेबाजी के घोटालों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए एक गुप्त मिशन में अपनी मौत का नाटक किया और प्रवीण कुमार के नाम से वापस लौट आया है। अरुमुगा चेट्टियार (एक अवैध व्यापार डीलर और फैजल का मालिक) मुंबई में "गोल्डन थियेटर्स" का मालिक है। इस जगह को जुए के अड्डे में बदल दिया जाता है। चेट्टियार मुंबई में डॉन के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करता है और अपने पुराने थिएटर के जरिए सट्टेबाजी में इस्तेमाल होने वाले ₹5 अरब से अधिक की नकदी को अपने पास लाने की कोशिश करता है।