मनमदन | |
---|---|
निर्देशक | ए जे मुरुगन |
लेखक |
ए जे मुरुगन सिलंबरासन |
निर्माता | एस.के. कृष्णकांत |
अभिनेता |
सिलंबरासन ज्योतिका |
छायाकार |
आर डी राजशेखर एस मूर्ति |
संगीतकार | युवान शंकर राजा |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
लम्बाई |
158 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | तमिल |
लागत | ₹5 करोड़[2] |
मनमदन (மன்மதன்) सन् 2004 की तमिल भाषा की भारतीय रोमांटिक क्राइम थ्रिलर फ़िल्म है। यह निर्देशक ए जे मुरुगन की पहली निर्देशित फ़िल्म है। फ़िल्म में सिलंबरासन की दोहरी भूमिका है तथा ज्योतिका, सिंधु तोलानी, संदनम, अतुल कुलकर्णी और गोंडामणि ने सहायक भूमिकाएँ निभाई हैं। फ़िल्म का संगीत युवान शंकर राजा द्वारा रचित है।
मनमदन 12 नवंबर 2004 को सिनेमाघरों में दिवाली के दिन रिलीज़ हुआ था। इसे दर्शकों और समीक्षकों से सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं थी। फ़िल्म ने रिलीज़ होने के 150 दिनों बाद तक बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर प्रदर्शन किया।[3] इसे कन्नड़ में मदन (2006) के नाम से बनाया गया था।[4]
चेन्नई में रहने वाला मदन कुमार पेशे से ऑडिटर है और कॉलेज में पार्ट-टाइम संगीत भी सीखता है। मैथिली नामक एक भोली-भाली लड़की भी उसी कॉलेज से संगीत सीखती है। एक दिन मदन को देखकर वह डर जाती है क्योंकि उसे मदन द्वारा बलात्कार किए जाने का सपना आता है। बाद में मैथिली को मदन के दयालु स्वभाव का एहसास होता है और वे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं।
मदन एक अभिमानी सीरियल किलर है जो मानसिक रूप से विक्षिप्त रहता है। वह अपने छद्म नाम मनमदन का उपयोग करके शहर में नैतिक रूप से भ्रष्ट लड़कियों को बहलाता है। वह उन्हें क्लोरोफॉर्म सुंघाकर कर बेहोश करके उन्हें मार देता है। वह लड़कियों की लाशों को जला देता है और उनकी राख को उनके संबंधित नामों की बोतलों में इकट्ठा करता है। जब भी वह किसी लड़की को बहकाकर मारने का इरादा करता है तो उसकी नाक से खून बहने लगता है। मीडिया का ध्यान लापता लड़कियों के मामले की ओर जाता है और चेन्नई के नए एसीपी देवा अपराधों के पीछे के व्यक्ति को खोजने का जिम्मा लेते हैं।