मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा (जन्म : ) भारत के एक राष्ट्रवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सम्प्रति वे अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष हैं। वे पंजाब में बेअंत सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं और भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वह अपने फ्रंट के बैनर तले सामाजिक कार्यों में जुड़े रहते हैं। वह मुख्य रूप से शहीद सैनिकों और आतंकवादी घटना में शहीद हुए लोगों के परिवार वालों लिए काम करते हैं। साथ ही वह देश से आतंकवाद के खात्मे के लिए भी तरह-तरह के मुहीम चलाते रहते हैं।
आज के समय में लोग इन्हें इनकी सुरक्षा व्यवस्था के कारण भी जानते हैं। इनके ऊपर कई बार जानलेवा हमला हो जाने के कारण इन्हें आजीवन जेड श्रेणी सुरक्षा मिली है।
पंजाब में जन्मे बिट्टा मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही राजनीति में आ गए थे और कांग्रेस सेवा दल से जुड़ गए। बचपन से ही समाजिक कार्यों मे जुटे मनिंदरजीत सिंह, भगत सिंह से काफी प्रभावित रहे और उन्हीं की तरह जीने का निर्णय किया।
सन् 1992 में अमृतसर में एक बम धमाके में 13 लोग मारे गए थे तब मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा ने अपना एक पैर खो दिया था। इसके अलावा उन पर नई दिल्ली में भी जानलेवा हमला हुआ था जिसमें उनके अंगरक्षक की मौत हो गई थी। उन पर हमला करने वाले आतंकवादी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को सर्वोच्च न्यायालय ने दोषी पाया था और उसे फांसी की सजा सुनाई थी लेकिन सरकार की देरी के चलते सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी को उम्रकैद में बदल दिया।
एमएस बिट्टा अब राजनीति छोड़ चुके हैं और वह अब कारगिल युद्ध और भारतीय संसद पर हुए हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों की देखभाल का जिम्मा उठाए हुए हैं।
वह मुख्य रूप से शहीद सैनिकों और आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए काम करता है। साथ ही, वह देश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए कई तरह के अभियान भी चलाता है। उनके समर्थकों का कहना है कि आतंकवादी भी उनसे डरते हैं। कुछ लोग उसके सामने अपनी सेना को बुलाते हैं। उसे Z + सुरक्षा प्रदान की जाती है|