मयूर का अर्थ होता है मोर। इसको करने से शरीर की आकृति मोर की तरह दिखाई देती है, इसलिए इसका नाम मयूरासन है।
जिन लोगों को ब्लडप्रेशर, टीबी, हृदय रोग, अल्सर और हर्निया रोग की शिकायत हो, वे यह आसन योग चिकित्सक की सलाह के बाद ही करें।
तिल्ली, यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय एवं आमाशय सभी लाभान्वित होते हैं। मुख पर कान्ति आती है। मधुमेह के रोगियों के लिये लाभकारी है। कब्ज को दूर करता है। जठराग्नि को प्रदीप्त करता है।