मरते दम तक | |
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मरते दम तक का पोस्टर | |
निर्देशक | मेहुल कुमार |
लेखक | मेहुल कुमार |
निर्माता | प्रणलाल मेहता |
अभिनेता |
राज कुमार, गोविंदा, फरहा, शक्ति कपूर, ओम पुरी, परेश रावल |
संगीतकार | रविन्द्र जैन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
17 जुलाई, 1987 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मरते दम तक 1987 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्देशन मेहुल कुमार द्वारा किया गया। इसमें मुख्य कलाकार राज कुमार, गोविंदा और फरहा हैं।
विनम्र पुलिस निरीक्षक राणे (राज कुमार), कुख्यात गैंगस्टर पी.सी. माथुर को गिरफ्तार करने का इरादा रखता है। लेकिन उस पर हत्या का मुकदमा चलता है और उसे पांच साल की सजा सुनाई जाती है। उसे उसके दुश्मन द्वारा फँसाया गया है। जेल में सज़ा काटने के बाद राणे, राणा नाम से जाना जाने वाला एक अंडरवर्ल्ड संचालक बन जाता है। उसे माथुर से बदला लेना है और उसे खत्म कर देना है।
वह जय (गोविंदा) को माथुर को मारने के लिए नियुक्त करता है। लेकिन इस प्रक्रिया में जय गलती से से किसी और को मार देता है। जय, अपनी गलती से क्रोधित होकर अपने परिवार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपराध का जीवन छोड़ देता है। राणा को अब माथुर का शिकार अकेले करना होगा। अब यह राणा पर निर्भर है कि वह अपनी खोज पूरी करे। लेकिन सबसे पहले उसे माथुर के गिरोह द्वारा मारे जाने से बचना होगा।
सभी गीत रविन्द्र जैन द्वारा लिखित; सारा संगीत रविन्द्र जैन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "नाम से क्या लेना" | किशोर कुमार | 7:13 |
2. | "गणपति बप्पा मोरिया" | सुरेश वाडकर, शब्बीर कुमार, महेन्द्र कपूर, हेमलता | 9:07 |
3. | "छोड़ेंगे ना हम तेरा साथ" | मोहम्मद अज़ीज़, अनुराधा पौडवाल | 6:21 |
4. | "धीरे धीरे खोलूंगी मैं" | अलीशा चिनॉय, शक्ति कपूर | 5:27 |
5. | "नोटक नोटक घेउन तक" | आशा भोंसले, भूषण मेहता, नरेन्दर बोनसल | 4:28 |