मर्डर 2, मर्डर सीरिज़ की द्वितीय फ़िल्म है जिसका प्रथम भाग मर्डर (2004) एवं तृतीय भाग मर्डर 3 (2013) है। यह फ़िल्म इमरान हाशमी, जैकलिन फर्नांडीस, प्रशांत नारायणन और सुलगना पाणिग्राही अभिनीत है। इसके निर्देशक मोहित सूरी एवं निर्माता मुकेश भट्ट हैं। यह फ़िल्म ८ जुलाई २०११ को प्रदर्शित की गयी।
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कहानी गोवा के एक बदनाम रेड-लाईट से शुरू होती जहाँ कई काॅलगर्ल अपने 'ग्राहकों' को रिझा रही है, इन्हीं के बीच ज्योति (याना गुप्ता) को एक रहस्यमय शख्स उसे अपने घर ले चलता है। अपने उस रहस्यमय ख़रीदार के सामने वह एक उत्तेजक डांस करती, वो 'ख़रीदार' याना के डांस खत्म करने बाद अपना ऑडियो टेप-रिकॉर्डर चालु करता है और सोनिया पर हमला कर बेरहमी से कत्ल करता है। दूसरी ओर कब्रिस्तान में अर्जुन भागवत (इमरान हाशमी) अपनी मां की क़ब्र पर उसकी बरसी मनाने फुल लेकर पहुँचा है, कब्रिस्तान का ही एक स्वीपर उसे क्रिसमस और नए साल की विश करता है और इस बात को कोसता है कि लोग तो जिंदा इंसानों की फ़िक्र तो करते नहीं, अब तो मरे हुए लोगो की कब्र की इज्जत नहीं करते. अपनी मां की कब्र पर भले उसने मार्बल कराया हो पर इसका कोई फायदा नहीं। अर्जुन वहां से अभी कार से निकला ही था कि उसे फोन आता है कि कुछ विदेशी नशेड़ी होटल में उधम कर रहे हैं, अर्जुन वहां तेजी से पहुँच कर उन दोनों विदेशी की बुरी तरह पीट उसे 'चेतावनी' देकर उनसे नुकसान का पैसा लेकर चलता कर देता है। यहीं पर उसकी मुलाकात समीर नाम के काॅलगर्ल के दलाल से होती है जो आए दिन उसकी लड़कियां गायब होने से परेशान है, पर खुद एक गलत धंधे में दलाली करने की वजह से वह पुलिस केयहां रिपोर्ट नहीं कर सकता, चुंकि अर्जन पहले एक पुलिस ऑफिसर था पर दौलत की लालच के कारण उसने यह जाॅब छोड़ दिया, बावजूद वो तहकीकात में अब भी एक्सपर्ट है, उसे दो लाख की बड़ी पेशगी देता है, इस भरोसे कि वो बिना किसी पुलिसिए झमेले के इन गायब होती लड़कियों के जिम्मेदार को ढुंढ निकालेगा. अर्जुन भ्रष्ट और लालची होने के साथ भगवान से छत्तीस का आंकड़ा भी था बावजुद वो किसी भी मिलने वाली बड़ी रकम चर्च में अनाथालय के लिए जमा करता, और वो भी इसलिए कि भगवान ने भले उसका बुरे दिन में साथ न दिया हो पर औरों के बच्चों के वैसा सलुक न हो। दुसरी ओर उसकी प्रिया (जैक़लिन फर्नांडीस) के साथ जिस्मानी रिश्तारहते हैं, क्योंकि दोनों में किसी तरह का न प्यार है न कोई वादा. पर प्रिया इस क्रिसमस और न्यु ईयर उसके साथ सेलिब्रेट करना चाहती है। इधर अर्जुन को समीर के लड़के 'चम्मच' को एक फोन नम्बर मिला है जिस परकई महीने से लड़की के गायब होने का शक है। अर्जुन मामले की जांच को इसके जिम्मेदार को धरने के लिए समीर को किसी काॅलगर्ल को इसके यहांभेजने को कहता है ताकि किसी भी गड़बड़ी होने पर उसकी लोकेशन का पता चल सके। इस पर खुश होते हुए समीर उसे क्रिसमस का गिफ्ट देकर उसे कुछ और रकम देता है। दोपहर तक फिर उसी शख्स का काॅल समीर को मिलता, ऑर्डर पूरा करने के लिए वो नई आई 'रेशमा' (सुलगना पाणिग्राही) नाम की लड़की को भेजता है। रेशमा 17 साल की एक काॅलेज स्टुडेंट है जो परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के एहसास से इस धंधे में उतरने का जोखिम लेती है, अपने मां (अमरदीप झा) से बात छुपाने के बाद भी उसकी वाॅर्डेन (झुमा बिश्वास) को बात मालुम हो जाती है। वहीं अर्जुन जब बच्चों को सांता क्लाॅज के संग खेलते हुए पाता है तो उसे अपने अकेलेपन का एहसास होता है, और वो प्रिया के यहां चला जाता है।