मल्लिकार्जुन खड़गे | |
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मल्लिकार्जुन खड़गे | |
राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 26 अक्तूबर 2022 | |
पूर्वा धिकारी | सोनिया गांधी |
विपक्ष के नेता, राज्य सभा
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पद बहाल 16 फरवरी 2021 , 17 दिसंबर 2022 – 1 अक्तूबर 2022, पदधारी | |
पूर्वा धिकारी | गुलाम नबी आज़ाद |
Lok sabha
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पद बहाल 4 जून 2014 – 16 जून 2019 | |
उत्तरा धिकारी | अधीर रंजन चौधरी |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 17 जून 2013 | |
प्रधानमंत्री | मनमोहन सिंह |
पूर्वा धिकारी | सी पी जोशी |
उत्तरा धिकारी | डी॰ वी॰ सदानंद गौड़ा |
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री, भारत सरकार
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प्रधानमंत्री | मनमोहन सिंह |
पूर्वा धिकारी | ऑस्कर फर्नांडिस |
उत्तरा धिकारी | शीशराम ओला |
पूर्वा धिकारी | इकबाल अहमद सरदगी |
उत्तरा धिकारी | उमेश जी॰ जाधव |
जन्म | 21 जुलाई 1942 वारवाटी, हैदराबाद प्रांत, ब्रिटिश भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (2004–वर्तमान) |
जीवन संगी | राधाबाई खड़गे |
बच्चे | 5 |
शैक्षिक सम्बद्धता | राजकीय महाविद्यालय, गुलबर्गा (BA) सेठ शंकरलाल लाहोटी विधि महाविद्यालय (LL.B) |
मल्लिकार्जुन खड़गे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं[1]। वे राज्य सभा में विपक्ष के नेता थे। वे भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में श्रम एवं रोज़गार मंत्री रह चुके हैं। वे २००९ में हुए आमचुनाव में कर्नाटक के गुलबर्गा चुनाव क्षेत्र से १५ वीं लोकसभा के लिए सदस्य निर्वाचित हुए थे।[2] वे भारत के पूर्व लोक सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे।[3] मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे (कन्नड़: [malːikaːrd͡ʒun kʰɐrɡe] ; जन्म 21 जुलाई 1942) एक भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ हैं जो 2022 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष, और 2021 से राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत हैं। 2020 से कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म वरावट्टी, भालकी तालुक, बीदर जिला, कर्नाटक में एक दलित जाति परिवार में हुआ था।[4] 1948 में, खड़गे ने अपनी मां और बहन को खो दिया क्योंकि उनको हैदराबाद के निज़ाम के रजाकारों या निजी मिलिशिया द्वारा आग लगा दी, जबकि वह खुद 7 साल की उम्र में बाल-बाल बचे थे।[5][6][7] उन्होंने गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और गुलबर्गा के सरकारी कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की और गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की। [3] उन्होंने न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल के कार्यालय में एक जूनियर के रूप में अपना कानूनी अभ्यास शुरू किया और अपने कानूनी करियर की शुरुआत में श्रमिक संघों के लिए मुकदमे लड़े।[8]
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में 108 स्थान पर zero width space character (मदद)
राजनीतिक कार्यालय | ||
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पूर्वाधिकारी पवन बंसल |
रेलवे मंत्री | उत्तराधिकारी डी॰ वी॰ सदानंद गौड़ा |
इतिहास | |
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आन्तरिक संघटन | |
प्रदेश कांग्रेस समितियाँ (पीसीसी, टीसीसी, आरसीसी) | |
अध्यक्ष |
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प्रधानमंत्री | |