महफ़िल, (उर्दू: محفل) उस सभा या मनोरंजन की उस शाम को कहते हैं जिसमें कविता (गज़लों और नज़्मों), हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य, जैसी कला विधाओं का प्रदर्शन एक छोटे किंतु सभ्य जनसमूह के समक्ष किया जाया है। महफ़िल की पृष्ठभूमि अंतरंग लेकिन औपचारिक होती है। कुछ महफिलों में तवायफों की शिरकत के साथ शराब भी परोसी जाती है।
ऐतिहासिक रूप से महफ़िलों का आयोजन मुस्लिम राज-घराने और रईसों के घरों या महलों में किया जाता था जो इन सभाओं के कलाकारों के संरक्षक के रूप में काम करते थे। आज इस तरह की महफ़िलों का आयोजन बहुत दुर्लभ है। साधारण भाषा में महफिल का अर्थ किसी भोज या नाच-गाने के कार्यक्रम का भी होता है।